मौहल्ले में कुत्ते होने से कम होती है आपराधिक वारदात,ताजा अध्ययन से आए चौकाने वाले खुलासे
नई दिल्ली ।
एक अध्ययन से पता चला है कि जिस मोहल्ले पड़ोस में पालतू कुत्तों की संख्या ज्यादा होती है वहां अपराध कम होते हैं।इस अध्ययन में पाया गया है कि अगर मोहल्ले में कुत्ते ज्यादा होंगे तो वह क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से ज्यादा विश्वसनीय होगा। अध्ययन में यह सलाह दी गई है कि अगर आप सुरक्षित पड़ोस चाहते हैं, तो ऐसे इलाका चुने जहां बहुत सारे लोगों ने कुत्ते पाल रखे हों और लोग एक दूसरे पर विश्वास करते हैं। अमेरिका के ओहियो के कोलम्बस में शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि जहां ज्यादा कुत्ते होते हैं, वहां इंसानों को मारने की, लूटपाट की और हमले की घटनाएं कम होती हैं।
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वहीं तुलनात्मक रूप से जहां कम कुत्ते होते हैं तो वहां इस तरह के अपराध ज्यादा देखने को मिले हैं। शोध में यह भी पाया गया है कि जिस मोहल्ले में लोग एक दूसरे पर ज्यादा भरोसा करते हैं वे भी ज्यादा सुरक्षित होते है। इस अध्ययन के नतीजे दर्शाते हैं कि जो लोग अपने कुत्तों के साथ घूमते हैं वे गलियों मोहल्ले पड़ोस में ज्यादा नजर रखते हैं। अध्ययन के प्रमुख लेखक और ओहियो यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के डॉक्टोरल छात्र निकोलो पिनचाक का कहना है कि नतीजे बताते हैं कि इस तरह से कुत्ते टहलाने वाले लोगों का गलियों पर नजर रखना अपराध को हतोत्साहित करता है। जब वे देखते हैं कि आसपास कुछ सही नहीं है तो यह अपराध को रोकने जैसा काम करता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि सामजशास्त्रियों ने भी लंबे समय से यह अवधारणा दी है कि आस-पड़ोस के नागरिकों द्वारा आपसी विश्वास और स्थानीय निगरानी अपराधियों को रोकती है। लेकिन यह इस बात का पैमाना नहीं है कि लोग अपने पड़ोस कि गलियों में निगरानी कैसे रखते हैं। अपने शोध के लिए शोदकर्ताओं ने कोलंबस इलाके में साल 2014 से 2016 तक के 595 सेंसस ब्लॉक समूह के आपराधिक आंकड़ों का अध्ययन किया।शोधकर्ताओं ने एक मार्केटिंग फर्म के द्वारा 2013 किए गए सर्वे के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया जिसमें कोलंबस रहवासियों से पूछा गया था कि क्या उनके घर में कुत्ता है। इसके अलावा उन्होंने पड़ोस में लोगों के आपसी विश्वास पर किए गए एक अन्य अध्ययन के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया। शोध में पाया गया कि पड़ोसियों के बीच विश्वास अपराध रोकने का अहम हिस्सा है। साथ ही यह भी कि जहां इस विश्वास के साथ ज्यादा पालतू कुत्ते हैं, वहां अपराधों का स्तर और भी कम पाया गया। अध्ययन में साफ बताया गया कि वास्तव में इसका संबंध कुत्तों के साथ टहलने से है।
आपसी विश्वास तब काम नहीं आता जब लोग मोहल्ले में निकल कर यह नहीं देखते कि आसपास क्या हो रहा है। लेकिन कुत्तों के साथ टहलते हुए लोग यह जरूर देखते हैं। और इसी लिए शोधकर्ताओं का कहना है अन्य पालतू जानवरों की जगह कुत्ते पालने की हो अध्ययन नतीजों में जगह मिली।इस अध्ययन में कुछ अन्य कारकों पर भी ध्यान दिया गया है जिसमें पड़ोस में कितने युवा पुरुष रहते हैं, रिहायशी अस्थिरता और आर्थिकसामाजिक स्तर शामिल हैं। कुल मिलाकर नतीजे सुझाते हैं कि पड़ोसियों में बहुत सारा विश्वास अपराध रोकने में कारगर हो सकता है यदि उसके साथ मोहल्ले में बहुत से पालतू कुत्ते और उनके साथ टहलने वाले हों।