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भाजपा के रिंकू ब्रिज बने नगर निगम के अध्यक्ष,सभी अटकलों को पछाड़ते हुए लहराया जीत का परचम

भाजपा के रिंकू विज बने नगर निगम के अध्यक्ष,सभी अटकलों को पछाड़ते हुए लहराया जीत का परचम




 जबलपुर

नगर निगम के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्षदों ने एक मत होकर भाजपा पार्षद रिंकू विज को निगम का अध्यक्ष चुन लिया है। अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बुधवार सुबह से ही निगम परिसर में काफी गहमागहमी देखी गई।सुबह 10 बजे से ही चुनाव को लेकर तैयारियों ने जोर पकड़ लिया।और धीरे धीरे पार्षद गण भी अध्यक्ष पद की वोटिंग के लिए निगम कार्यालय पहुंचने लगे। अध्यक्ष पद की दावेदारी कर रहे कांग्रेस से अयोध्या तिवारी बंटी तो भाजपा से रिंकू विज में से  पार्षदों को निगम का अध्यक्ष  चुनना था।वहीं कलेक्टर की मौजूदगी में बिना किसी हीलाहवाली के पार्षदों ने वोटिंग करते हुए निगम के अध्यक्ष का चयन किया। और आखिरकार भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रिंकू विज ने अध्यक्ष पद के लिए सर्वाधिक मत हांसिल कर अपनी जीत का परचम लहरा दिया।


चुनाव के बाद से ही शुरू हो गयी थी गहमा-गहमी


वैसे तो निगम का अध्यक्ष कौन होगा इसे लेकर चुनाव परिणाम के बाद से ही खींचतान शुरू हो गई थी।लेकिन शपथ ग्रहण के बाद से ही कांग्रेस  और भाजपा दोनों के ज्ञान गणित शुरु हो गए। अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर मची खींचतान में दोनों पार्टियां किसी भी तरह की चूक नहीं होने देना चाहती थी।यही कारण है कि कहीं बाड़ाबंदी तो कहीं राजदूत सेवा का इस्तेमाल किया गया।दौनों ही पार्टी निगम के अध्यक्ष पद पर अपना उम्मीदवार बिठाना चाह रहे थे। जिसके लिए अध्यक्ष पद पर भाजपा ने पार्षद रिंकू ब्रिज को प्रत्याशी बनाया। वहीं अपील समिति के लिए रेणु कोरी,सुभाष तिवारी,अनुराग,राहुल साहू को उम्मीदवार बनाया। वहीं कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए अयोध्या तिवारी बंटी का नाम फाइनल किया था। साथ ही अपील समिति के लिए हर्षित यादव और एक महिला पार्षद के चयन करने का फैसला किया।


लवलीन और महेश के नाम ने बढ़ा दी थी भाजपा की टेंशन


निगम अध्यक्ष के पद के लिए पिछले दिनों भाजपा के नगरीय निकाय पर्यवेक्षक सतेन्दु तिवारी के सामने पार्षदों की वन-टू-वन परेड कराई गई थी, इस परेड में तीन पार्षदों ने भाजपा के वरिष्ठ पार्षद महेश राजपूत और तीन ने लवलीन आनंद को अध्यक्ष पद के लिये प्रत्याशी बनाने की मांग की थी, बस यही पिन प्वाइंट था जहां से भाजपा को डर सताने लगा कि 6 पार्षद कहीं क्रास वोट न कर दें, और भाजपा को डर सताने लगा कि ये 6 पार्षद अगर कांग्रेस के साथ चले गए तो, अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा के हाथ से चली जाएगी।


भाजपा "विजन" में तो कांग्रेस "गुलजार" में कर रही थी मंथन


निगम अध्यक्ष पद को लेकर शहर में कांग्रेस और भाजपा दौनों ही पार्टी अपनी रणनीति बनाने में जुटी रही। एक ओर जहां शपथ ग्रहण के बाद से ही भाजपा के पार्षद होटल विजन महल में नज़र बैंड हो गए तो वहीं होटल गुलजार में कांग्रेसी भी मंगलवार की देर रात तक मंत्रणा करते नज़र आए। इस दौरान दोनों दल एक दूसरे के सदस्यों के बीच सेंधमारी की बात कर रहे थे। सेंधमारी की इन चर्चाओं ने दोनों दलों दौनों दलों की धड़कने तेज कर रखी थी। इधर भाजपा की ओर से भी यह बात सामने आ रही थी कि औवेसी की दो पार्षद, दो निर्दलीय और दो कांग्रेस पार्षद भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग करेंगे या फिर मतदान की प्रक्रिया में शामिल नहीं होगें। वहीं कांग्रेस भी दावा कर रही थी कि भाजपा के कुछ पार्षद उनसे सतत संपर्क में है जो गोपनीय ढंग से कांग्रेस के हित में मतदान करने की सहमति जता रहे है।


बाड़ा बंदी को लेकर कांग्रेस ने कसा तंज


जबलपुर में निगम के भाजपा पार्षदों के शपथ ग्रहण के बाद ही उन्हें एक बस में बिठाकर गोपनीय जगह ले जाने की बात को लेकर कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता पूर्व वित्त मंत्री एवं वर्तमान विधायक तरुण भनोत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि बहुमत होने के बाद भी भाजपा किस तरह से डरी हुई है।इसका नज़ारा बाड़ाबंदी से लगाया जा सकता है।हकीकत में बाड़ाबंदी जानवरों की होती है।लेकिन भाजपा ने पार्षदों की कर दी। यह बेहद निंदनीय है। यह न केवल जनता के साथ छल है बल्कि पार्षदों के अधिकारों का हनन भी है।


भाजपा बोली-बाड़ाबंदी नहीं प्रशिक्षण के लिए गए थे पार्षद


इधर पार्षदों की बाड़ाबंदी को लेकर चल रही बयानबाजी के खेल को विराम देते हुए भाजपा पार्षद कमलेश अग्रवाल ने कहा कि बाड़ाबंदी की बात वे सिरे से नकारते है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जीत कर आये पार्षदों के प्रशिक्षण के लिए उन्हें एक निजी होटल में एकत्र किया गया था। जहां पार्टी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन्हें न केवल मार्गदरर्शन दिया गया।बल्कि आगामी समय में किस तरह शहर विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करना है इसकी जानकारी भी दी गई। कांग्रेस द्वारा इस प्रशिक्षण शिविर को बाड़ाबंदी का नाम देना बेहद गलत है।


पुराने अनुभव और अशोक रोहाणी की निकटता का लाभ मिला रिंकू विज को


दो बार के पार्षद तथा नगर निगम में उपाध्यक्ष के रूप में काम करने वाले रिंकू विज को  पुराने अनुभव और कैंट क्षेत्र के भाजपा विधायक अशोक रोहणी की निकटता का लाभ मिला रिंकू विज अशोक रोहाणी के ही विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं तथा पूर्व में जब सुमित्रा बाल्मीकि नगर निगम अध्यक्ष थी तब वे उपाध्यक्ष भी रहे और कई बार नगर निगम अध्यक्ष सुमित्रा बाल्मीकि की अनुपस्थिति में उन्होंने अध्यक्ष के रूप में सदन को संचालित किया था भाजपा सूत्रों का कहना था कि महापौर के पद पर कमलेश अग्रवाल की उम्मीदवारी को निरस्त कर उन्हें अध्यक्ष बनाने का आश्वासन पार्टी ने दिया था लेकिन शहर के एक मात्र भाजपा विधायक अशोक रोहाणी के रिंकू विज करीबी माने जाते हैं और उन्हें सदन चलाने का काफी अनुभव रहा इसलिए पार्टी ने अध्यक्ष पद के लिए रिंकू विज का चयन किया  बताया जा रहा है कि इसके बदले कमलेश अग्रवाल को नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी


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