आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़े का मामला,पाठक दंपत्ति एक दिन की पुलिस रिमांड पर
जबलपुर
।भारत सरकार की आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में राइट टाऊन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के संचालक डॉ अश्वनी पाठक और उनकी पत्नी श्रीमति दुहिता पाठक को पुलिस ने रविवार को हिरसात में लिया था इसके बाद सोमवार को पुलिस ने सीजीएम कोर्ट में प्रस्तुत किया। पुलिस ने पांच दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन न्यायालय ने एक दिन की पुलिस रिमांड दी। इसी बीच पूछताछ के बाद आज फिर पाठक दंपत्ति को न्यायालय के समक्ष पेश किय जाएगा। स्वास्थ विभाग के द्वारा पुलिस की सूचना पर अस्पताल की जांच की गई। वहीं दूसरी ओर अस्पताल बेगा हास्पिटल में चल रही थी। जो पूरी तरह अवैधानिक थी। आयुष्मान योजना के कार्ड धारी मरीज साधारण सर्दी खांसी के थे। उन्हें गंभीर बीमारी से व्यथित बता कर उनका कथित उपचार किया जा रहा था। इसके अलावा स्वास्थ विभाग व पुलिस द्वारा की गई संयुक्त जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खांडेल ने बताया कि अस्पताल में कई तरह की खामिया मिली। पाठक दंपत्ति को रिमांड में लेने के बाद उन लोगों से भी पूछताछ करेगी जो बीमार न होने के बाद भी आयुष्मान कार्ड बता कर होटल में भर्ती थे। २६ अगस्त की शाम एसपी सिध्दार्थ बहुगुणा को सूचना मिली इसके बाद पुलिस और आयुष्मान अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से अस्पताल के बाजू में स्थित होटल बेगा में दबिश दी गई। जहां ४० के करीब मरीज होटल के कमरों में भर्ती मिले थे। इसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ विभाग ने होटल को सील कर दिया था और सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।