५ साल से बन्द था संस्कृत महाविद्यालय ,विधायक ने स्थल निरीक्षण कर शुरु कराया काम
जबलपुर । दमोहनाका स्थित संस्कृत महाविद्यालय के विद्याथिNयों को अब जल्द ही आधुनिक सुविधायुक्त भवन की सौगात मिलने का रास्ता एकदम साफ हो गया है।भवन निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने से पहले सोमवार को विधायक विनय सक्सेना ने महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू एवं नगर पंडित सभा के गणमान्यजनों के साथ निर्माण स्थल का बारीकी से मुआयना और निर्माण सम्बन्धी हर पहलू पर चर्चा की। विदित हो कि पाँच वर्ष पूर्व २०१७ में पंडित लोकनाथ शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था। लेकिन फिर प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह कार्य लापरवाही की भेंट चढ़ गया और इस कार्य को करने वाला ठेकेदार भी बीच में ही काम छोड़कर भाग गया। नगर पंडित सभा के गणमान्यजनों ने पत्र लिखकर विधायक विनय सक्सेना से इस उपेक्षित पड़े संस्कृत महाविद्यालय को पूर्ण करने की माँग की थी। जिसके बाद श्री सक्सेना ने मुख्यमंत्री से लेकर कई स्तरों पर पत्र भेजकर ठेकेदार द्वारा अधूरे छोड़े गए इस कार्य को पूर्ण करने की माँग की।
६ मार्च २०२१ को इस संबंध में विधायक श्री सक्सेना द्वारा एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रेषित किया था और उन्हें भी वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। समुचित सुविधायुक्त भवन का निर्माण न होने के कारण इस महाविद्यालय में आने वाले छात्र छात्राओं को लगातार असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा था।
पत्राचार एवं निज प्रयासों के बाद शासन प्रशासन हरकत में आया और ५ अगस्त २०२२ को नगर निगम के माध्यम से ७० लाख रूपयों की लागत से संस्कृत महाविद्यालय को भूतल और प्रथम तल में निर्मित करने के लिए शेष बचे कार्य की निविदा निकाली गई। उम्मीद की जा रही है कि महाविद्यालय भवन का निर्माण हो जाने के बाद ना सिर्फ शिक्षण कार्य आसान होगा और विद्याथियों को सुविधायुक्त वातावरण मिलेगा बल्कि क्षेत्र के गौरव में एक नया आयाम भी जुड़ जाएगा।