सिंघाड़ा उत्पादक कृषकों को कृषि वैज्ञानिकों ने दिए टिप्स
जबलपुर ।
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में सिंघाड़ा उत्पादन कर रहे, किसानों की समस्याओं के निदान हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र, जबलपुर की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. रश्मि शुक्ला के मार्गदर्शन में 'कृषि वैज्ञानिक एवं सिंघाड़ा उत्पादक किसानों के बीच परिसंवाद' का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय, जबलपुर के कीट शास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.बी. दास, पादप रोग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. जयंत भट्ट, फसल विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.बी.अग्रवाल, मृदा वैज्ञानिक डॉ. ए.के. सिंह तथा केन्द्र के अन्य वैज्ञानिकों ने वर्तमान में सिंघाड़े के फसल पर आ रही समस्याओं के समाधान पर विस्तृत चर्चा की तथा केन्द्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. डी.के. सिंह के नेतृत्व में माँ बीरासन सिंघाड़ा उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) की पहल पर गोसलपुर तालाब का भ्रमण भी कराया गया जिससे यह पता करने की कोशिश की गई कि सिंघाड़े में विशेष बीमारी आने का क्या कारण हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. डी.के. सिंह, डॉ. यतिराज खरे, डॉ. ए.के. सिंह., डॉ. नीलू विश्वकर्मा, डॉ. अक्षता तोमर, डॉ. निहारिका शुक्ला, डॉ. नितिन सिंघई, डॉ. पूजा चतुर्वेदी व डॉ. नेहा शर्मा का विशेष योगदान रहा। बताया गया कि भविष्य में भी केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर सिंघाड़ा उत्पादक किसानों के फसल उत्पादक तकनीक, प्रसंस्करण व बाजार व्यवस्था पर महत्वपूर्ण सुझाव वाट्सएप व अन्य माध्यमों से दिये जाते रहेगें।