गणेशोत्सव पर चौतरफा गूंज रहे गणपति बप्पा के जयकारें
पार्वती नंदन का हो रहा घर-घर वंदन
जबलपुर। प्रथम पूज्य, विघ्नहर्ता, सिद्धि विनायक भगवान श्री गणेश का १० दिवसीय जन्मोत्सव का पर्वकाल श्री गणेश की प्रतिमा स्थापना के साथ शुरु हो गया है। घर-घर विराजे गजानन का गुणगान चारों तरफ सुनाई दे रहा है। गणेशोत्सव के इस पर्व में संस्कारधानी धर्ममय नजर आ रही है। सुबह-शाम श्रद्धालुजन उनके जयकारें लगा रहे है। १० दिन तक चलने वाले पर्व को लेकर बच्चों से लेकर बड़ों तक में अपूर्व उत्साह देखा जा रहा है।
घरों के अलावा नगर के अनेक सार्वजनिक स्थानों में भगवान श्री गणेश की मनोहारी प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है। नगर में प्रतिमा स्थापना का क्रम शुरु हो गया है और जहां प्रतिमा की स्थापना की जा रही है, वहां गणेशोत्सव समिति के कार्यकर्ता पंडालों को अंतिम रुप देने में जुटे हुए हैं।
श्री गणेश मंदिरों में विविध अनुष्ठान.........
गणेशोत्सव के इस पर्व में नगर के श्री गणेश मंदिरों में आकर्षक विद्युत साज-सज्जा के बीच विविध धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। मंदिरों में श्री गजानन के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई देने लगी है। पूजा-अर्चना के अलावा सहस्त्रार्चन, अभिषेक, गणपति संकट नाश स्त्रोत, अथर्व शीर्ष के सहस्त्राधिक पाठ आयोजित किए जा रहे हैं।
श्री सुप्तेश्वर गणेश मंदिर............
श्री सुप्तेश्वर मंदिर एकता विहार रतन नगर में गणेशोत्सव पर्व शुरु हो गया हैं। यहां अखंड रामायण पाठ के अलावा प्रतिदिन सांयकाल महाआरती की जा रही है। इसके अलावा विविध अनुष्ठान, प्रतियोगिाताएं आदि का भी आयोजन किया जा रहा है।
महाराष्ट्र स्वूâल में गणपति की स्थापना..........
महाराष्ट्र स्वूâल में चतुर्थी के दिन विधि विधान और पूजा अर्चना के साथ भगवान श्री गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई। यहां पिछले १२४ वर्षों से गणपति जी की प्रतिमा की स्थापना महाराष्ट्र समाज द्वारा की जा रही है। इस वर्ष महाराष्ट्र समाज के गणेश उत्सव में युवापीढ़ी विविध आयोजन कर रही है।
शिक्षा का संदेश देते गणपति.............
गणेश उत्सव समिति चुंगी चौकी में २८ वर्ष में शिक्षा का संदेश देते प्रतिमा स्थापित की गई। प्रतिमा की माध्यम से ऑनलाईन क्लास से पढ़ाई सही ढंग से नहीं होती, शिक्षकों के साथ-साथ माता पिता का भी कत्तव्र्य बनता है कि वे बच्चों को पढ़ाए। समिति के मोहित लाल शर्मा ने भक्तों से दर्शन करने की अपील की।