मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी के स्थाई हल की तैयारी
महिलाएं जाकर चैक करेंगी, वैâसा बना है भोजन
जबलपुर। मध्यान्ह भोजन योजना (पोषण आहार) में स्वूâली छात्रों को गुणवत्ताहीन भोजन मिलने की शिकायत नई नहीं है, लेकिन बीते दिनों बच्चों की खीर में मरा मेंढक मिलने की घटना ने फिर एक बार खतरे की लाल घंटी बजा दी है. जन स्वास्थ्य विशेष बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ के खिलाफ आमजन में रोष देखा जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ बार बार मध्यान्ह भोजन को लेकर मिल रही शिकायत को दूर करने के लिये जिला प्रशासन स्थाई समाधान पर विचार कर रहा है. जानकारी के अनुसार अब जिले के सभी गांवों में अनुशरण समितियां तैयार की जाएंगी, जिसमें शामिल सदस्य कभी भी अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में कभी भी भोजन की जांच कर सकते हैं। समिति में विशेष तौर पर महिला सदस्यों को शामिल किया जाएगा, जो गांव की ही होंगी. माना जा रहा है की यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो जहां एक तरफ यह समस्या का स्थाई निदान बनेगी, वहीं दूसरी तरफ पूरे देश में मिसाल बनेगी. क्योंकि मध्यान्ह भोजन योजना कमो बेश पूरे देश में लागू है.
गौरतलब है की नया गांव प्राथमिक शाला में बच्चों को परोसे गए मध्यान्ह भोजन में मेंढक मिलने के मामलकी घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. जहां एक तरफ मामले की जांच हो रही है वहीं दूसरी तरफ स्थाई समाधान पर विचार. प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यान्ह भोजन व्यवस्था में आमजन की सहभागिता की व्यवस्था का खाका तैयार किया जा रहा है। जिसके लिये अब ग्राम स्तर पर अनुशरण समितियों का गठन किया जाएगा। इन समितियों गांव के ही सदस्य होंगी. समितियों की महिला-सदस्य किसी भी दिन मध्यान्ह भोजन के समय बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन के स्वाद एवं गुणवत्ता का परीक्षण कर सकेंगी। इस तरह से उनको यह भी पता चलता रहेगा कि गांव के बच्चों को किस तरह का भोजन परोसा जा रहा है।