ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह मामलें में कार्रवाई
सद्भावना भवन पर प्रशासन का कब्जा, ३ अन्य भवन को खाली करने मांगी मोहलत
जबलपुर। यूनाईटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की करीब एक लाख ७० हजार ३२८ वर्गफीट जमीन शासन के नाम पर दर्ज हो गई। जिसपर बने सद्भावना भवन पर जिला प्रशासन ने कब्जा कर लिया है। वहीं विकास आशा केन्द्र, भारतीय खाद्य निगम और इण्डियन ओवरसीज बैंक को खाली करने के लिए कुछ दिन का और समय दिया गया है। यह कार्रवाई ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह द्वारा मिशनरी की जमीनों में किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले सामने आने के बाद की गई है। उक्त जमीन की लीज को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया था, इसके बाद जमीन शासन के नाम हो गई है।
बताया गया है कि अपर कलेक्टर न्यायालय द्वारा २३ सितम्बर को जारी आदेश में यूनाईटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी मार्फत पीसी सिंह की नेपियर टाउन सिविल स्टेशन नजूल ब्लॉक नम्बर ४ के प्लाट नम्बर १५/१, १५/८, १५/९, १५/१०, १५/१५, १५/१६, १५/१७, १५/३०, १५/३१ और १५/४२ की कुल १ लाख ७० हजार ३२८.७ वर्गफुट भूमि का लीज प्रकरण खारिज कर मध्यप्रदेश शासन राजस्व विभाग के नाम दर्ज करने के आदेश तहसीलदार रांझी दिये गये थे। उक्त जमीन शासन के नाम पर दर्ज होने के बाद चारों संस्थानों को २६ अक्टॅूबर तक कब्जा खाली करने के लिए आदेश दिए गए थे। इसके बाद गुरुवार को जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए और सबसे पहले सद्भावना भवन पर अपने अधिपत्य में लेकर सील कर दिया है। वहीं तीन इंडियन ओवरसीज बैंक, आशा विकास केन्द्र व भारतीय खाद्य निगम प्रबंधन द्वारा भवन खाली करने के लिए कुछ दिन का समय मांगा गया है।
जिन्हे मोहलत दी गई है कि वे नियत समय पर भवन खाली कर देगें। जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि इंडियन ओवरसीज बैंक व भारतीय खाद्य निगम आमजन से जुड़े विभाग है। इन्हे उचित स्थान मिलने पर खाली किया जाएगा। इसी तरह आशा विकास केन्द्र में विकलांग बच्चे रहते है, वे भी नया भवन मिलते ही जगह खाली कर देगें। गौरतलब है कि ईसाई धर्मगुरु व पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वार मिशनरी की जमीन पर किए गए करोड़ों रुपए के घोटाले का ईओडब्ल्यू द्वारा खुलासा किए जाने की बाद हुई है। पीसी सिंह ने लीज पर मिली जमीन के कुछ हिस्से को सस्ते दामों में बेचकर स्वयं ही खरीद लिया। इसके अलावा और भी कई कारनामें किए जो ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही जांच के बाद सामने आए है।