आंगनबाड़ी की भर्ती विवाद ने तूल पकड़ा
जिला पंचायत की बैठक में हंगामा
जबलपुर। जिला पंचायत में महिला बाल विकास समिति की बैठक के दौरान उस वक्त हंगामे की स्थिति निर्मित हो गई जब आंगनबाड़ी सहायिका भर्ती में गड़बड़ी का मामला पंचायत सदस्य एकता ठाकुर, विवेक पटैल, सुनीता दाहियाद्वारा उठाया गया। सदस्यों की मानें तो सीईओ सलोनी सडाना की अनुपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी सीईओ मनोज सिंह के द्वारा कुछ सदस्यों को असम्मानजनक तरीके से बैठक से बाहर जाने कहा गया वहीं सदस्यों का यह भी कहना है कि वे आंगनबाड़ी भर्ती मामले में फर्जीबाड़े के विषय में जवाब देने की स्थिति में नहीं थे। इधर प्रभारी सीईओ इन आरोपों के जवाब में चुप्पी साधे रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार महिला विकास विभाग समिति की बैठक में सभापति मोनू बघेल थे। बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका भर्ती मामले में फर्जीबाड़े को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। जिला पंचायत सदस्यों ने भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े के आरोप लगाते हुए भर्ती प्रक्रिया निरस्त करने की मांग की। जिला पंचायत सदस्यों के साथ आवेदक भी आए हुए थे। उन्होंने भी भर्ती प्रक्रिया को भेदभाव पूर्ण करार दिया। इधर समिति के लोगों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं की गई। अभी समिति की बैठक में सिर्फ आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। बहरहाल हंगामे के बीच न तो अन्य मुद्दों पर चर्चा हो पाई न हीं आपत्तियों का निराकरण हो सका। भर्ती में हुए फर्जीबाड़े के आरोप लगा रहे सदस्यों के साथ बैठक के दौरान पहँुचे आवेदकों ने अपनी हस्ताक्षरित शिकायत दर्ज करा दी है। आवेदकों का कहना है कि जिला पंचायत के साथ-साथ उन्होंने अपनी शिकायत कलेक्टर और मंत्रालय को भी प्रेषित कर दी है। आवेदकों का आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में जमकर बंदरबांट की गई है और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों की रेवड़ी चीन्ह चीन्ह कर बांटी गई है। बैठक में सदस्य एकता ठाकुर ने यह विषय उठाया था।
पश्चिम बंगाल की महिला को दे रहे नियुक्ति.............
बैठक में एकता ठाकुर, विवेक पटैल, सुनीता दाहिया ने समिति के समक्ष आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका भर्ती प्रक्रिया में आपत्ति उठाते हुए कहा कि सिहोरा में न सिर्फ एक ऐसी महिला की नियुक्ति दी जा रही है जिसकी मार्कशीट पश्चिम बंगाल की है बल्कि परियोजना अधिकारी द्वारा भर्ती के लिए अन्य आवेदकों से कथित तौर पर रुपयों की मांग भी की जा रही है। सदस्यों द्वारा सिहोरा के परियोजना अधिकारी के साथ सभी विकासखंडों के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए। सदस्यों ने बताया कि सभी गड़बड़ियों के विषय में शिकायत जिला कलेक्टर को प्रेषित कर जांच की मांग की गई है।