कृषि विवि जबलपुर में २१ दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
माटी में सूक्ष्मजीवों का संसार बढ़ाने से धरती होगी स्वस्थ - डॉ. कौतू
जबलपुर । खराब फसलों और सामाजिक दबाव ने भारत के अन्नदाताओं को त्रस्त कर दिया है। महंगे रासायनिक खाद और बीज खरीदने के लिये किसान कर्ज लेने पर मजबूर हो रहा है। ६० के दशक में हरित क्रांति ने रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और उच्च उपज वाले संकर बीजों के बड़े पैमाने पर उपयोग को प्रेरित किया, जिसने पानी को जहर बना दिया और मिट्टी के आवश्यक पोषक तत्वों को लूट लिया और पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। वर्तमान समय एक और कृषि क्रांति का आव्हान करता है जो किसानों की मदद कर सकती है, मिट्टी की गुणवत्ता को बनाएं रख सकती है और पारिस्थितिकी तंत्र को बचा सकती है। यह बात संचालक अनुसंधान सेवायें डॉ. जी. के. कौतू ने मुख्यअतिथि की आसंदी से कही। मौका था जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में मृदा विज्ञान विभाग के अंतर्गत संचालित एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित ’’राष्ट्रीय सेंटर ऑफ एडवांस्ड फेकल्टी ट्रेनिंग’’ के अंतर्गत प्राकृतिक खेती- चुनौतियाँ एवं अवसर विषय पर २१ दिवसीय प्रशिक्षण के प्रथम दिवस उद्घाटन सत्र का। डॉ. कौतू ने कहा कि १५ जिले ऐसे है कि जहां के किसान कम कम से कम फर्टिलाइजर का उपयोग करते हैं, ऐसे जिलों के किसानों को सरकार चिन्हित कर रही है।
केफ्ट के संचालक एवं मृदा विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एन.जी. मित्रा ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि संपूर्ण राष्ट्र में आई.सी.ए.आर. द्वारा सिर्फ और सिर्फ जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एडवांस्ड फेकल्टी ट्रेनिंग हेतु चयनित किया है। २१ दिवसीय प्रशिक्षण में ५ राज्यों पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्रप्रदेश एवं मध्यप्रदेश से आये प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे है। कार्यक्रम का संचालन २१ दिवसीय प्रशिक्षण के सह समन्वयक डॉ. शेखर सिंह बघेल द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. पी.एस. कुल्हारे प्रमुख वैज्ञानिक द्वारा किया गया। उद्घाटन में डॉ. पी.एस. कुल्हारे, प्रमुख वैज्ञानिक, डॉ. एच.के.राय, प्रमुख वैज्ञानिक, डॉ. शेखर सिंह बघेल, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, डॉ. बी.एस. द्विवेदी, वैज्ञानिक, डॉ. अमित उपाध्याय, डॉ. जी.एस. टैगोर, डॉ. राकेश साहू, डॉ. अभिषेक शर्मा, डॉ. फूलचंद अमूले, बबलू यदुवंशी, मधुकर परिपगार, श्रीमती संगीता ठाकुर, श्रीमती दीपा यादव, आशीष यादव, विजय कुमार झारिया, श्रीमति संगीता ठाकुर, श्रीमति दीपा यादव, राजकुमार काछी एवं अनुराग दुबे सहित समस्त विभाग के कर्मचारी एवं मृदा विज्ञान विभाग के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षणार्थियों को खाद्य विज्ञान विभाग में संचालित हो रही विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी विभागाध्यक्ष डॉ. एस.एस. शुक्ला द्वारा दी गई। इस अवसर पर डॉ. अर्चना पांडे, डॉ. प्रतिभा परिहार, डॉ. राजेन्द्र ठाकुर सहित अन्य वैज्ञानिक एवं विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।