माइक्रोकरंट फेशियल से निखारें खूबसूरती
अभी तक आपने फ्रूट, गोल्ड, चारकॉल, पर्ल और भी न जाने तमाम फेशियल के बारे में सुना होगा, लेकिन इन दिनों माइक्रोकरंट फेशियल काफी सुर्खियों में है। आइए जानते हैं माइक्रोकरंट फेशियल के बारे में
क्या है माइक्रोकरंट फेशियल?
माइक्रोकरंट फेशियल फेस की मसल्स को टोन करके टेक्सचर को बेहतर करता है। इसे कराने से भी दूसरे फेशियल की तरह आपकी स्किन ग्लो और चमकने लगती है, लेकिन इसे मशीन और कुछ केमिकलयुक्त प्रॉडक्ट्स के द्वारा किया जाता है। बता दें, इसे कराते हुए आपको किसी तरह का दर्द नहीं होता है।
माइक्रोकरंट फेशियल करने की प्रक्रिया
माइक्रोकरंट फेशियल पेशेवरों द्वारा किया जाता है। बहुत सारे डर्मोटोलॉजिस्ट (त्वचा रोग विशेषज्ञ) इसकी सर्विस देते हैं। इसमें सबसे पहले क्लींजिंग की जाती है, जिससे चेहरे पर जमी गंदगी हट जाए। इसके बाद मैग्नीफाइंग लैम्प्स की मदद से स्किन की जांच की जाती है और पता लगाया जाता है कि आखिर त्वचा की जरूरत क्या है। इसके बाद हॉट स्टीम दी जाती है, जिससे स्किन सॉफ्ट हो जाए और पोर्स भी ओपन हो जाए।
स्टीम देने के बाद डर्मेटोलॉजिस्ट मैकेनिकल की मदद से त्वचा की डेड स्किन निकालकर एक्सफोलिएशन किया जाता है। इसके बाद मसाज की जाती है। फिल मास्क लगाया जाता है और आखिर में टोनर लगाकर छोड़ देते है। इसे कराने का बेद कम से कम एक दिन तक चेहरे पर किसी चीज का इस्तेमाल करने से परहेज करना पड़ता है।
माइक्रोकरंट फेशियल के फायदे
त्वचा के टेक्सचर को बनाता है बेहतर,फाइन लाइन्स और झुर्रियां होती हैं कम, त्वचा के पोर्स को करता है टाइट-पिंपल्स और एक्ने होते हैं दूर। त्वचा को करता है डिटॉक्स और ब्लड सर्कुलेशन होता है बेहतर।
इन बातों का रखें ध्यान
इस फेशियल को 20 की उम्र से पहले न करवाएं क्योंकि यह मैच्योर स्किन के लिए है।
गर्भवती महिलाओं को यह फेशियल नहीं करवाना चाहिए।
यह फेशियल करवाने के बाद चेहरे पर फेशवॉश और साबुन का इस्तेमाल न करें।
कुछ दिनों तक स्किन को एक्सफोलिएट करने से बचें।
फेशियल के बाद मेकअप बिल्कुल भी ना करें।