चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान बना रहा 2 घातक हैंगोर क्लास पनडुब्बियां हिंद महासागर क्षेत्र में पेश करेगा चुनौती
करांची
। कराची के शिपयार्ड में नौसेना के लिए दो हैंगोर क्लास पनडुब्बियों पर काम शुरू हो गया है। पाकिस्तान ने अपनी पांचवी और हैंगोर क्लास की छठी पनडुब्बी का निर्माण 24 दिसंबर से शुरू कर दिया है। पाक नौसेना के लिए चार पनडुब्बियों का निर्माण चीन में जारी है। चीन पाकिस्तान के लिए पनडुब्बी बनाने में साल 2015 से मदद करने में लगा है। पाकिस्तान नौसेना के प्रमुख एडमिरल अमजद खान ने चाइना शिपबिल्डिंग ऑफशोर कंपनी (सीएसओसी) और कराची शिपयार्ड एंड इंजीनियरिंग वर्क्स (केएसएंडईडब्ल्यू) के अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था। स्टील कटिंग कार्यक्रम के साथ पनडुब्बी निर्माण का काम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी नौसेना की पांचवीं पनडुब्बी पीएनएस तसनीम की कील गाड़ने का कार्यक्रम भी हुआ। इस पनडुब्बी का नाम सन् 1971 की जंग में पाकिस्तान के हीरो रहे वाइस एडमिरल अहमद तसनीम के नाम पर रखा गया है।
सन 2015 में पाकिस्तान ने चीन के साथ एक करार साइन किया था। इस करार के तहत चीन उसके लिए 8 युआन क्लास की पनडुब्बियां बनाएगा। इन समझौते के तहत चीन के साथ ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी समझौता भी हुआ था। पांच अरब डॉलर वाले रक्षा सौदे के तहत चीन के वुचांग शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री ग्रुप की तरफ से वुहान में 4 पनडुब्बियों पर काम चल रहा है। बाकी चार पनडुब्बियां कराची में तैयार की जाएंगी। जिस रफ्तार से यह कार्यक्रम चल रहा है उससे माना जाता है कि पाकिस्तान की नौसेना को सन 2023 के अंत तक पहली पनडुब्बी मिल जाएगी। अगले एक दशक में पाकिस्तान को सभी आठ पनडुब्बियां मिल जाएंगी।
भारतीय नौसेना के वेटरंस इस बात को लेकर चिंतित हैं कि जहां पाकिस्तान तो पनडुब्बियों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रहा है तो भारत इस दिशा में काफी धीमी गति से काम कर रहा है। पनडुब्बी के अभाव में पाकिस्तान जैसे देश के खिलाफ अब इंडियन नेवी की अंडरवॉटर क्षमताओं को खासा प्रभावित करने वाले हैं। पाकिस्तान चीन की मदद से आठ हैंगोर क्लास पनडुब्बी तैयार कर रहा है।। 2023 में नौसेना को पीएनएस हैंगोर सौंप दी जाएगी। बाकी पनडुब्बियां उसे साल 2025-2028 के बीच में मिल जाएंगी।
पाकिस्तान की हैंगोर क्लास पनडुब्बी वही पनडुब्बी है जिसे चीन की नौसेना युआन क्लास टाइप 039बी के तौर पर जानती है। चीनी नौसेना के पास इस समय करीब 20 039 अटैक पनडुब्बी हैं। यह एक डीजल पनडुब्बी है जिसे डीजल और इलेक्ट्रिक से संचालित होने वाली सबसे तेज पनडुब्बी के तौर पर जाना जाता है। यह पनडुब्बी कई दिनों से लेकर कई हफ्तों तक पानी के अंदर रह सकती है। साथ ही पनडुब्बी हर तरह के मिशन को पूरा कर सकती है। इसकी लंबाई 76 मीटर है और यह स्पीड 10 नॉट्स यानी 18 किलोमीटर प्रति घंटा है। पाकिस्तान के पास इस समय पांच डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं।