● कलेक्टर बदल गए.. लेकिन खनिज माफियाओं के इरादे नहीं बदले..
● पुलिसिया पहरे के बीच पुलिस की गाड़ी से पेट्रोल चुरा ले गया चोर...
● तुम शिकायत करोगे.. तो हम डिपार्टमेंट को चंदा दे देंगे..
तुम शिकायत करोगे.. तो हम डिपार्टमेंट को चंदा दे देंगे..
एक समय था जब गलत काम करने वाले इस बात से भी घबरा जाया करते थे की कहीं उनकी शिकायत न हो जाए। लेकिन आजकल तो एक नई परिपाटी ने शिकायतकर्ताओ की बोलती बंद कर रखी है। दरअसल शहर के कुछ बड़े नामचीन लोगों ने जनता की शिकायत का मुंहतोड़ जबाब देने के लिए डिपार्टमेंट के राहत कोष को राहत पहुंचाने का खेल शुरू कर दिया है। जब भी कभी किसी बड़े किरदार का नाम गलत काम में उछलता है। ठीक उसी के कुछ दिन बाद वह प्रशासन के किसी बड़े अधिकारी के साथ शान से खड़े होकर दानवीर कर्ण की भूमिका अदा करता दिखाई देता है। जानकार बताते है कि यह चंदा का धंधा सिर्फ खुद को प्रशासनिक कार्यवाही से बचाने के लिए नहीं होता बल्कि शिकायत कर्ता के गाल पर तमीज का तमाचा जड़ते हुए उसे इस बात का भी एहसास करा देता है कि लोकतंत्र में उसकी क्या हैसियत है। समझ सको तो यह भी एक तरह की रिश्वत ही है.. बस इसे देने वाले को न तो लोकायुक्त का भय रहता है और न ही किसी तरह की आत्मग्लानि। ऐसे एक दो नहीं, बल्कि सेकड़ों मामले नजीर बनकर सामने आए है जहां जनता और जालसाजों के बीच की लड़ाई में सिर्फ राहत कोष का ग्राफ ही जीतता नज़र आया है। इन कलयुग के कौरवों ने आमजन अभिमन्यु के लिए पहले से भी ज्यादा खतरनाक चक्रव्यूह बना रखा है। जहाँ फसने के बाद आमजन धन और धर्म दौनों से हाथ धो बैठता है। इन सबके बीच जब एक पीढ़ित ने रसूखदार से कहा..की अपनी कारगुजारियों पर लगाम लगा लो वरना अधिकारी से शिकायत कर तुम्हारा धंधा मंदा कर देंगे..
तब शिकायत कर्ता की बात सुनकर मंद मुस्कान के साथ मूंछे मरोड़ते हुए रसूखदार बोला...
तुम शिकायत करोगे.. तो हम डिपार्टमेंट को चंदा दे देंगे..
पुलिसिया पहरे के बीच पुलिस की गाड़ी से पेट्रोल चुरा ले गया चोर...
इसे बेरोजगारी का आलम कहें या फिर बेशर्मी वाली बेबसी..की चोरी जैसे घ्रणित कार्य को अंजाम देने वाले अब शेर के गले में घंटी बांधने से भी नहीं कतरा रहे है। पुलिस की नाक में दम कर देने वाला यह मामला पनागर नगर का है। जहां एक सिरफिरा इन दिनों पेट्रोल चोरी के कारनामों को अंजाम दे रहा है। खास बात यह है कि इस सिरफिरे ने आमजन के साथ साथ पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इस पर सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि यह पूरा कारनामा थाने से चंद कदम की दूरी पर स्थित एक रहवासी इलाके में अंजाम दिया जा रहा है। जहां पुलिस के अधिकारी भी निवासरत हैं। अपने चैलेंजिंग जॉब को बखूबी निभाते हुए इस सिरफिरे चोर ने किराए से रहने वाले पुलिस आरक्षक की गाड़ी को भी नहीं बख्शा । बताया जा रहा है कि एक दो नहीं बल्कि तीन बार इस चोर ने आरक्षक की गाड़ी की पेट्रोल पाइप को काटकर गाड़ी का पेट्रोल चुरा लिया गया। बहरहाल क्षेत्र के एक सीसीटीवी कैमरे में इस शातिर चोर की तस्वीर कैद हुई है।लेकिन पुलिस की आंखों का काजल चुराने वाला यह चोर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इधर अपने साथ हुई इस बेअदबी से नाराज आरक्षक जब घटना को लेकर मचा रहा था शोर..तब मोहल्ले के चाचा बोले..
पुलिसिया पहरे के बीच पुलिस की गाड़ी से पेट्रोल चुरा ले गया चोर...
कलेक्टर बदल गए.. लेकिन खनिज माफियाओं के इरादे नहीं बदले..
मुख्यमंत्री भले ही मंच से माफियाओं को जमीन में गाड़ देने की बात करते हों।लेकिन शहर के भूमाफिया इन दिनों इसी जमीन के जरिए अपना गोरखधंधा खुलेआम चला रहे है। हालांकि कभी कभार कोई साहब सख्ती दिखाते हुए इनके काम पर रोक लगाता है।लेकिन अचानक ही उसका तबादला करा दिया जाता है। ताजा मामला सिहोरा के खुडावाल खुड़ावल ग्राम पंचायत कैलवास में खसरा नं. 55 का है। जहां बीते 4 साल से विमलेश्वरी माइन्स के ठेकेदार द्वारा लगातार उत्खनन किया जा रहा है। खास बात यह है कि आधिकारिक रूप से माइंस के लिए जो जगह आरक्षित की गई थी। उससे विपरीत ठेकेदार द्वारा शासकीय जमीन पर जमकर खुदाई करवाई जा रही है। इस पूरे कारनामे में कई विभागीय अधिकारी भी जमकर मलाई खा रहे है। इस दौरान एक दो नहीं बल्कि शहर में आए सभी कलेक्टरों ने मामला संज्ञान में लिया।लेकिन इसे माइनिंग ठेकेदार की बुलंद किस्मत ही कहें कि एक हफ्ता से ज्यादा उसका काम कोई बंद नहीं करवा पाया। सुना है एक बार फिर से गाँव वालों ने नए कलेक्टर से मामले की शिकायत की है।हकीकत तो यह है कि सिस्टम के सिस्टम से हताश ग्रामीण अब यह कहने को मजबूर हो गए है कि..
कलेक्टर बदल गए.. लेकिन खनिज माफियाओं के इरादे नहीं बदले..
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