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कोरोना से निपटने इस बार जबलपुर तैयार!


कोरोना से निपटने इस बार जबलपुर तैयार!



जबलपुर । कोरोना के शुरुआत दो सालों में गंभीर जानी और माली नुकसान उठाने वाला जबलपुर कोरोना की पुरानी यादों को नहीं दोहराना चाहता. जिसके चलते इस बार पुराने अनुभव और गलतियों से सबक लेते हुये शासन प्रशासन कोरोना के आगामी संभावित खतरे से निपटने के लिये तैयारियों में जुट गया है. जहां एक तरफ शहरवासियों में इस बार कोरोना को लेकर जागरुकता देखी जा रही है. वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन कोरोना से निपटने के सभी संसाधनों को अपडेट करने में जुटा है. इसी क्रम में  मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों का जायजा लिया गया। जिला अस्पताल में ताबड़तोड़ मॉकड्रिल कर तैयारियों को जांचा एवं परखा गया. 

क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं एवं प्रभारी सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा एसडीएम ऋषभ जैन सिविल सर्जन डॉक्टर आरके चौधरी जिला टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर एसएस दाहिया जिला क्षय अधिकारी डॉक्टर धीरज दवनडे कोविड-१९ नोडल अधिकारी डॉक्टर अमिता जैन ने ऑक्सीजन प्लांट और आईसीयू का जायजा लिया। अस्पताल परिसर स्थित ऑक्सीजन के तीनों प्लांट चालू हालत में मिले। आईसीयू में लगे सभी मॉनिटर चालू तथा दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता पाई गई। डाक्टर मिश्रा ने कहा कि अस्पताल में ५०० व ५७० केएल के दो ऑक्सीजन एयर सेपरेशन और ६ केएल का एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है। तीनों प्लांटों से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। अस्पताल में मास्क पीपीई किट सेनेटाइजर और दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। इसके पहले विक्टोरिया अस्पताल के टैंक में तीन हजार किलोलीटर आक्सीजन डाली गई। मेडिकल में भी गैस का भंडार सुरक्षित किया गया। गौरतलब है की नए वैरिएंट में कोरोना की वापसी से पूर्व सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं की जमीनी हकीकत का पता लगाने के निर्देश दिए थे। विक्टोरिया अस्पताल में आक्सीजन आपूर्ति गहन चिकित्सा इकाई समेत संभावित कोविड वार्डों में उपचार की व्यवस्था का जायजा लिया गया।

विभाग ने की वैक्सीन की मांग..................

जहां एक तरफ शहरवासी जागरुकता दिखाते हुये अब वैक्सीन के लिये बूस्टर डोज के लिये आगे आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिले में कोरोना वैक्सीन की कमी आ गई है। वर्तमान में कोवैक्सीन के सिर्फ ३३ हजार डोज रह गए हैं। कोविशील्ड समेत अन्य वैक्सीन का टोटा है। जिले में १५ लाख से ज्यादा लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई थी जिसका तीसरा डोज १० प्रतिशत लोगों को भी नहीं लगाया जा सका है। वहीं कार्बो वैक्स वैक्सीन का तीसरा डोज किसी भी पात्र हितग्राही को दिया जा सकता है।

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