Vikas ki kalam,जबलपुर न्यूज़,Taza Khabaryen,Breaking,news,hindi news,daily news,Latest Jabalpur News

ओएफके कर्मचारियों और प्रबंधन में फिर ठनी तानाशाही का आरोप धरना प्रदर्शन शुरु

 ओएफके कर्मचारियों और प्रबंधन में फिर ठनी 
तानाशाही का आरोप धरना प्रदर्शन शुरु 



जबलपुर। आर्डनेंस पैâक्ट्री खमरिया में संयुक्त संघर्ष समिति और पैâक्ट्री प्रबंधन के बीच एक बार फिर ठन गई। कुछ मांगों को लेकर एक बार फिर तकरार बढ़ी और संघर्ष समिति ने पैâक्ट्री प्रबंधन पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया। फैक्ट्री के गेट नंबर-१ के सामने शुरु हुये इस धरने में देखते देखते कर्मचारी जुटने लगे और कुछ ही देर में धरने ने व्यापक रूप ले लिया. श्रमिक नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूर्ण नहीं होतीं उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। कर्मचारी संगठन सप्लाई किए गए लाट के कैंसिल होने से खफा हैं. कार्य प्रभावित न हो इसके लिये फैक्ट्री प्रशासन की ओर से भी बीच का रास्ता निकालने के प्रयास शुरू हो गए हैं। संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर रामप्रवेश अर्नब दासगुप्ता पुष्पेन्द्र सिंह रूपेश पाठक राजेन्द्र चढ़ारिया प्रेमलाल सेन शशि भूषण पासवान हरिहर मीणा राकेश रंजन अरुण मिश्रा विजय सिंह सीमेन्द्र रजक राकेश शर्मा संजीव कुमार अजीत सोरेन सहित अनेक कर्मचारी नेता क्रमिक धरने पर बैठ चुके हैं।

जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह आयुध निर्माणी खमरिया के गेट नंबर-१ के सामने लेबर यूनियन कामगार यूनियन एवं एससी/एसटी यूनियन ने संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रारंभ किया है। संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि आयुध निर्माणी खमरिया को वर्ष २०२२-२३ के लिए लगभग ३५०० करोड़ का उत्पादन लक्ष्य दिया गया है परन्तु निर्माणी प्रशासन एवं एमआइएल प्रशासन के अधिकारी उत्पादन को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नजर नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के रुख से प्रतीत होता है कि प्रशासन का उद्देश्य आयुध निर्माणी खमरिया को बंद करना है। फैक्ट्री में ओटी (ओवर टाइम) भी बंद कर दिया गया है। कर्मचारी नेताओं का दावा है कि आयुध निर्माणी खमरिया में पिछले सप्ताह ८४ एमएम ५५१ और ७५१ के लगभग चार लाटों में गुणवत्ता के कमी के चलते उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। इस वजह से निर्माणी को कई करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा। इस सम्पूर्ण गड़बड़ी की जिम्मेदारी आम कर्मचारियों पर थोपने की तैयारी है। संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि लाट फेल होने का मुख्य कारण आला अधिकारियों का कार्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना रवैया है। संघर्ष समिति का कहना है कि लाट-रिजेक्शन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

Post a Comment

If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.

Previous Post Next Post