Vikas ki kalam

बुनियादी व्यवस्थाओं के लिये तरस रहा माढ़ोताल मुक्तिधाम

 बुनियादी व्यवस्थाओं के लिये तरस रहा माढ़ोताल मुक्तिधाम



जबलपुर । आधुनिक रूप से स्मार्ट होने का दावा करने वाले नगर निगम जबलपुर के पास शहर के मुक्तिधामों को बुनियादी सुविधाएं देने का समय नहीं है. शहर के अधिकांश मुक्तिधाम और कब्रस्तान बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम हैं. सवाल सबसे बड़ा यही उठता है की १४ सौ करोड़ के बजट की बात करने वाले जिम्मेदारों के पास मुक्तिधामों को व्यवस्थित करने का भी पैसा नहीं है. सबसे खराब स्थिति शहर के बीच में स्थित माढ़ोताल मुक्तिधाम की है. जहां निगरानी और रखरखाव में यहां की व्यवस्थाएं डरावनी हो गई है। माढ़ोताल और उससे लगे क्षेत्रों में आबादी बढऩे के साथ मुक्तिधाम में अत्येष्टि पहले से अधिक हो गई हैं। लेकिन व्यवस्थाएं पहले से भी कम हो गई हंैं. मुक्तिधाम की हालत सुधारने के लिए १६ लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी लेकिन कोई विकास कार्य नहीं किए गए। गौरतलब है की माढ़ोताल मुक्तिधाम को वर्ष २००१ में तत्कालीन सांसद जयश्री बनर्जी के मद से बनाया गया था। उस दौरान एक शेड सहित अन्य व्यवस्थाएं जुटाई गई थीं लेकिन उसके बाद से इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया और यहां जुटाई गईं व्यवस्थाएं दम तोडऩे लगी। आज हालत यह है की  कि शेड क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां बनाई गई सडक़ में दरार पड़ गई हैं। आउटलेट नहीं होने की वजह से परिसर में पानी भरा हुआ है।

जमीन दलदल बैठने की जगह नहीं................

परिसर में गंदा पानी भरे होने की वजह से दफन करने में खासी परेशानी हो रही है। जानकार कहते हैं कि यहां दलदल की स्थिति बनने की वजह से दफन करने के लिए जगह खोजनी पड़ रही है। पेयजल के लिए यहां पानी की टंकी रखी हुई है लेकिन उसमें पानी नहीं भरा जाता है। मुक्तिधाम में इसके अलावा पानी के लिए अन्य एक कुंआ ही है। मुक्तिधाम में अंत्येष्टि के बाद शोकसभा के लिए बनाए गए शेड में बैठक व्यवस्था चौपट हो गई है। बैंचों में दरार पड़ चुकी है। बैंच का हिस्सा टूट चुका है। फर्श भी उखड़ रहा है। उधर सडक़ की हालत यह है कि यहां एक भी साबुत सडक़ नहीं है जिसमें दरार न हो। इससे यहां लोग ऑटो आदि में बैठकर आ रहे हैं।

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