वॉशिंगटन ।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की तरफ से बढ़ते खतरे को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ताकतवर अमेरिकी मिसाइल सिस्टम हिमर्स को तैनात करने का इरादा किया है। ऑस्ट्रेलिया ने तय किया है कि वह इस क्षेत्र में अब एक स्वतंत्र सुरक्षा नीति अपनाएगा और चीन को किसी भी गुस्ताखी का मुंहतोड़ जवाब देगा। अमेरिका की तरफ से ऑस्ट्रेलिया को एडवांस्ड मिसाइल और रॉकेट सिस्टम हिमर्स मिलेंगे। हिमर्स वही मिसाइल सिस्टम है जो इस समय यूक्रेन में रूस के खिलाफ प्रयोग हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से पिछले दिनों इस बात की पुष्टि की गई है कि वह हिमर्स खरीद रहा है।
अमेरिका साल 2026 तक ऑस्ट्रेलियन आर्मी को 20 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम HIMARS (एचआईएमएआरएस) डिलीवर करेगा। ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग मंत्री पैट कॉनरॉय की तरफ से बताया गया है कि हिमर्स ऑस्ट्रेलिया की सेना को सुरक्षित रखेगा और नौसेना स्ट्राइक मिसाइल के साथ मिलकर मिलिट्री क्षमता को दोगुना करेगा। यह सिस्टम देश के हितों की सुरक्षा के लिए कारगर साबित होंगे। सीएनएन की तरफ से बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया हिमर्स को दक्षिण पूर्व एशिया या फिर प्रशांत में तैनात कर सकता है।
यूएस मरीन कोर इस सिस्टम के साथ एक्सरसाइज करने में लगी हुई है। उसका मानना है कि इस सिस्टम को ऑस्ट्रेलिया किसी ऐसे क्षेत्र में डेप्लॉय कर सकता है जहां पर चीन की तरफ से चुनौती मिलने की आशंका काफी ज्यादा है। इस सिस्टम के अलावा ऑस्ट्रेलिया ने नेवल स्ट्राइक मिसाइल (एनएसएम) की डील भी की है। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री पीटर ड्यूटॉन ने कहा था कि यूक्रेन में जारी जंग और चीन की तरफ से बढ़ते खतरे को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के लिए अपने रक्षा उपकरणें को अपग्रेड करना बहुत जरूरी है। हिमर्स 1970 के दशक से ही अमेरिकी सेना का हिस्सा है।
24 फरवरी 2022 को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो कई लोगों को लगा था कि यूक्रेन कहां रूस के सामने टिक पाएगा। युद्ध को एक साल होने को आए हैं और अब इसकी तस्वीर ही अलग है। ऐसा लगने लगा है कि जंग यूक्रेनी सेना के पक्ष में जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस युद्ध को एक ऐसी क्रांति के तौर पर भी देखा जाना चाहिए जिसने हथियारों के क्षेत्र में भी एक क्रांति ला दी।
रूस के कई हथियार जहां फिसड्डी साबित हुए तो यूक्रेनी मिलिट्री के कई वेपन सिस्टम दुश्मन पर भारी पड़े। कई हथियारों के बीच अमेरिका का एचआईएमएआरएस सिस्टम वह खिलाड़ी साबित हुआ जिसने जंग की पूरी तस्वीर ही बदलकर रख दी है। अमेरिका की तरफ से मिले एम14 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम एचआईएमएआरएस को यूक्रेन के सैनिक जून 2022 से ही ऑपरेट कर रहे हैं। यह काफी खतरनाक हथियार साबित हो रहा है और रूस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। एचआईएमएआरएस सिस्टम काफी हल्का है और जिसमें ऐसे हथियार हैं जो पूरी सटीकता के साथ दुश्मन को तबाह कर सकते हैं। इस सिस्टम में ड्रोन के साथ जैवलिन एंटी टैंक रॉकेट्स स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल जो जीपीएस से लैस हैं और कई एडवांस्ड माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हुए हैं। हिमर्स की रेंज इसकी हमला करने की क्षमता और कहीं भी आसानी लाने ले जाने की सुविधा इसे और खतरनाक बनाती है।