ज्ञानव्यापी |
वाराणसी/विकास की कलम।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण से सटे ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के प्रकरण में बुधवार वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में सुनवाई होनी थी। मगर जिला जज के अवकाश पर रहने के कारण सुनवाई टल गई। अब सुनवाई के लिए अगली डेट 18 फरवरी तय की गई है।
यह याचिका ज्ञानवापी मस्जिद के मैनेजमेंट से जुड़ी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा दाखिल की गई है। याचिका के माध्यम से कहा गया है कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान का मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है। भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान का मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन और अन्य द्वारा दाखिल किया गया था। इस मुकदमे के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित करने ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने आदेश में किरन सिंह विसेन और अन्य द्वारा दाखिल इस मुकदमे को सुनवाई योग्य माना है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से किरन सिंह विसेन और अन्य के द्वारा दाखिल मुकदमा पोषणीय यानी सुनवाई योग्य नहीं है। लोअर कोर्ट ने मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली अर्जी सरसरी तौर से निरस्त कर दी है। जो कानून के अनुसार सही नही है। ऐसे में निगरानी याचिका स्वीकार करते हुए लोअर कोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाए।