तेलअवीव।
अल-अक्सा मस्जिद विवाद के बीच इजरायल के यरुशलम के कब्रिस्तान में ईसाइयों की कब्र टूटी-फूटी मिलने से इजरायल सरकार फिर धार्मिक कट्टरता के आरोपों में घिर गई है। सीसीटीवी फुटेज में यहूदी पोशाक पहने लोगों को तोड़फोड़ करते दिखने के बाद इजरायल सरकार ने सफाई देकर कहा है कि अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
दरअसल इजरायल के धुर दक्षिणपंथी नेता के यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद दौरे के बाद इस्लामिक देशों ने कड़ी चेतावनी दी है। अल-अक्सा मस्जिद भी यरुशलम में ही स्थित है। इस प्राचीन स्थल को यहूदी मुस्लिम और ईसाई का संगम स्थल माना जाता है। लेकिन पिछले कई सालों से यह जगह विवादों के घेरे में है।
एंग्लिकन बिशप होसाम नौम ने बताया कि यरुशलम के पुराने शहर में 30 से ज्यादा ईसाई कब्रों में तोड़फोड़ की गई है। जिसके बाद पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है। सियोन पर्वत पर स्थित कब्रिस्तान में तोड़फोड़ की गई है। ईसाइयों का मानना है कि इसी स्थान पर यीशु ने अंतिम बार भोजन ग्रहण किया था। चर्च के अधिकारियों ने बताया है कि कब्र में तोड़फोड़ का पता मंगलवार को चला है। अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के अनुसार एक जनवरी को यहूदी पोशाक पहने हुए दो लोग कब्रिस्तान में फोड़फोड़ करते दिख रहे हैं। चर्च के बिशप होसाम नौम ने क्षतिग्रस्त कब्र को लेकर कहा कि हम न केवल निराश हैं बल्कि हम बहुत दुखी भी हैं। वहीं यरुशलम के एपिस्कोपल डायोसिस चर्च ने अधिकारिक बयान जारी कर इस तोड़फोड़ को धार्मिक कट्टरता और ईसाइयों के खिलाफ नफरत बताया है। सियोन पर्वत यरुशलम स्थित पुराने शहर की दीवारों के बाहर स्थित है। यह स्थल तीर्थयात्रियों को भी आकर्षित करता है। इस कब्रिस्तान की स्थापना 19वीं शताब्दी के मध्य में की गई थी। इस कब्रिस्तान में पादरी वैज्ञानिकों और राजनेताओं सहित कई हस्तियों की कब्र है।
इजरायली विदेश मंत्रालय ने ट्वीट कर सियोन माउंट कब्रिस्तान में तोड़फोड़ की घटना की निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने लिखा है कि इजरायल अपनी स्थापना के बाद से ही सभी धर्मों के लोगों के लिए पूजा और धर्म की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है और इस नीति को जारी रखेगा।