नई दिल्ली ।
दिल्ली के कंझावला एक्सीडेंट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपियों ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि उन्हें पता था कि एक्सीडेंट के बाद में अंजलि गाड़ी के नीचे फंसी हुई है। मगर आरोपियों ने गाड़ी रोक कर अंजलि को बचाने की जगह लगातार गाड़ी चलाना तय किया। आरोपियों का कहना है कि अंजलि के गाड़ी के नीचे आने से वे डर गए थे इसलिए उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी।
पुलिस को इस मामले में पांचों आरोपी लगातार गुमराह कर रहे थे। गिरफ्तारी के बाद से ही आरोपियों ने कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि अंजलि गाड़ी के नीचे आ गई है। अब माना जा रहा है कि आरोपियों के कबूलनामे के बाद धाराओं में बदलाव किया जाएगा। आरोपियों के इस कबूलनामे के बाद पुलिस की जांच एंगल में भी बदलाव होने की संभावना है। पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26) अमित खन्ना (25) कृष्ण (27) मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। बाद में आशुतोष और अंकुश खन्ना को भी गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने अंकुश खन्ना के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 201 212 182 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया।
गौरतलब है कि रविवार तड़के अंजलि सिंह (20) की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और युवती को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किलोमीटर घसीटती हुई ले गई। घटना में युवती की मौत हो गई थी। दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना के पीड़िता की दोस्त को इससे पहले उत्तर प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह जमानत पर है। सूत्रों ने बताया कि उसे दो अन्य लोगों के साथ छह दिसंबर 2020 को आगरा रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन में गांजा ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।