नई दिल्ली ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने पूरी दुनिया में फिर से कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर आने का अंदेशा जताया है। राहत की बात यह है कि कोविड-19 की नई लहर में मौत का आंकड़ा काफी कम रह सकता है। डब्ल्यूएचओ ने ओमिक्रॉन के नए सबवेरिएंट एक्सबीबी.1.5 को अभी तक का सबसे ज्यादा संक्रामक रूप माना है। हर दूसरे सप्ताह इससे संक्रमित लोगों की तादाद दोगुनी हो जा रही है। डब्ल्यूएचओ ने एक्सबीबी.1.5 सबवेरिएंट से उत्तर-पूर्वी अमेरिका को सबसे ज्यादा प्रभावित माना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्तर-पूर्वी अमेरिका में एक्सबीबी.1.5 सबवेरिएंट के काफी तेजी से हो रहे फैलाव पर चिंता भी जाहिर की है। कोरोना संक्रमण के लिहाज से चीन भी पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है।
डब्ल्यूएचओ की अधिकारी मारिया वान केरखोव ने बताया कि ओमिक्रॉन का नया सबवेरिएंट एक्सबीबी.1.5 अभी तक का कोरोना का सबसे ज्यादा तेजी से फैलने वाला रूप है। डब्ल्यूएचओ के पास अभी इस सबवेरिएंट की गंभीरता को लेकर कोई डाटा नहीं है। अभी तक इस बात के संकेत नहीं मिले हैं कि यह पहले मिले सबवेरिएंट के मुकाबले संक्रमितों को ज्यादा बीमार करने में सक्षम है। फिलहाल एक्सबीबी.1.5 का फैलाव अमेरिका में ज्यादा हो रहा है।
अमेरिका में तेजी से हो रहे इसके फैलाव ने स्वास्थ्य संगठन को चिंता में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि तकरीबन हर दूसरे सप्ताह एक्सबीबी.1.5 संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो जा रही है। मारिया ने बताया कि यह वायरस कोशिकाओं में असाधारण रूप से चिपक जाता है जिससे इसे आसानी से म्यूटेट करने में मदद मिलती है।
डब्ल्यूएचओ की मारिया वान ने बताया कि फिलहाल 29 देशों में एक्सबीबी.1.5 सबवेरिएंट से संक्रमित लोग मिल चुके हैं। उन्होंने इसके अन्य देशों में फैलने का अंदेशा जताया है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दुनियाभर में जीनोम सीक्वेंसिंग की रफ्तार धीमी पड़ने से कोविड-19 के अन्य वेरिएंट के बारे में जानकारी जुटाना कठिन हो गया है। एक्सबीबी.1.5 की गंभीरता के बारे में अभी तक पर्याप्त जानकारी नहीं मिल सकी है। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ इसकी गंभीरता का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की मारिया वान ने बताया कि एक्सबीबी.1.5 सबवेरिएंट जितना फैला रहा है उतना ही इसमें बदलाव आने की आशंका बढ़ रही है। मारिया ने दुनिया में कोरोना संक्रमण की नई लहर आ सकती है लेकिन इस बार बड़ी तादाद में लोगों की मौत नहीं होगी। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि इस बार कोरोना से निपटने की प्रक्रिया भी चल रही है जिससे लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सकता है। बता दें कि इस वक्त चीन पूरी दुनिया के लिए खतरा बना हुआ है।