जबलपुर ।
मप्र आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार के आरोप वाली एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंद्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका में जांच रिपोर्ट सम्मलित न होने के कारण याचिका पर अगली सुनवाई आगामी १६जनवरी को तय की है।
यह जनहित याचिका विधिशा निवासी भूपेंद्र प्रजापति की ओर से दायर की गई है। सुनवाई के दौरान दलीले देते हुए अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुरविनायक प्रसाद शाह ने न्यायालय को बताया कि अजीविका मिशन द्वारा वेलबाल द्वारा नियम विरुद्ध प्रदेश के २९ जिलों से शूक्ष्म बीमा योजना के नाम पर सेल्फ हेल्प ग्रुपो से २०१७ मे १ करोड़ ७८ लाख रुपए बसूल किए गए उक्त राशि किसी भी वीमा कम्पनी मे जमा नहीं की गईं न ही किसी बैंक खाते मे न ही किसी महिला को उक्त बसूल की गई वीमा राशि का क्लेम दिया गया। मध्य प्रदेश के २६ जिलों मे स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश के समस्त स्वसहायता समूहों के माध्यम से सिलाई करवाकर वितरित की जानी थी लेकिन वेलबाल द्वारा प्रायवेट ठेका देकर घटिया किस्म की ड्रेसे वितरित की गई तथा कई करोड़ रुपए का सम्वन्धतो को समूहों पर दवाव बनाकर भुगतान करया गया।