जबलपुर/ विकास की कलम।
हाईकोर्ट के निर्देश प्रशासन की मजबूरी और केन्टवासियों की उम्मीद और विरोध के बीच बुधवार को एक बड़ी राहत आमजनों के हिस्से में आई. केंट के प्रमुख धार्मिक स्थलों को हटाए जाने को लेकर बुधवार सुबह से जो गहमागहमी बनी हुई थी शाम होते उस पर विराम लग गया। दरअसल मंदिरों के भवनों को न तोड़ें जाने को लेकर मप्र हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई उपरांत कोर्ट ने कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश के अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अर्जेन्ट सुनवाई के दौरान पूर्व महाधिवक्ता और वरिष्ठ महाधिवक्ता शशांक शेखर ने याचिकाकर्ताओं डॉ.आलोक चंसोरिया संतोष गुप्ता व अन्य की ओर से कोर्ट में दलील दी कि जिन धर्मस्थलों को हटाने की मांग की जा रही है जिनमें से एक मंदिर निजी प्रापर्टी पर बना है और सारे मंदिर सड़क के किनारे बने है जो गलियों के अंदर है और यातायात में बाधक नहीं है।स्टे मिलने की सूचना मिलते ही बाबादीन चौक स्थित हनुमान मंदिर में पूजन शुरू हो गया। लोग जयश्री राम के नारे लगाने लगे। गौरतलब है की बुधवार को केन्ट में चिन्हित धार्मिक स्थल हटाए जाने की कार्यवाही प्रस्तावित थी. जिसके चलते केंट बोर्ड और रक्षा संपदा विभाग (डीईओ) के अधिकारी तय समय पर केंट पुलिस थाने पहुंच गए थे। वहीं जिन धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया गया था वहां भी काफी हलचल बनी हुई थी। मंदिरों के अंदर भजन कीर्तन हो रहा था तो सड़क पर नारेबाजी का दौरा सुबह से ही शुरु हो गया. इसी बीच बाबादीन चौक स्थित हनुमान मंदिर समिति की ओर से कांग्रेस नेता अभिषेक चौकसे अमरचंद बावरिया राहुल रजक ने पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारियों को बताया कि उन्होंने ने एमपी हाईकोर्ट में अर्जेंट हेयरिंग के लिए आवेदन लगाया है। आवेदन पर सुनवाई हो जाने तक जनभावना को ध्यान में रखते हुए उन्हें कुछ घंटों का समय दिया जाए। जिसके चलते कार्रवाई कोर्ट में सुनवाई तक रोका गया. अंत में कोर्ट ने कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी. जिसके बाद केन्टवासियों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।
हिन्दू सेवा परिषद द्वारा पंचमुखी हनुमान मंदिर में रामधुनी एवं अखंड रामायण पाठ बिठाया गया
कैंटोनमेंट बोर्ड ने कैंट क्षेत्र स्थित तीन मंदिरों को हटाने की प्रक्रिया 4 जनवरी 2023 की तय की थी। जिसमें से पंचमुखी हनुमान मंदिर गली नंबर 11 में सुबह 10:00 बजे से ही हिन्दू सेवा परिषद् सहित समस्त हिंदूवादी संगठनों द्वारा रामधुनी एवं अखंड रामायण चालू की गई तथा कैंटोनमेंट बोर्ड ,रक्षा संपदा एवं पुलिस प्रशासन को बताया गया कि हाईकोर्ट में आज सुनवाई होना तय है, सुनवाई होने तक इंतजार किया जावे।पंचमुखी हनुमान मंदिर की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी जी के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में बहस कर मंदिर को नहीं तोड़ने का आदेश कराया गया। माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायालय के अगले आर्डर तक मंदिर को नहीं हटाया जावे।
यह धर्म की जीत है-हिन्दू सेवा परिषद
हिन्दू सेवा परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष अतुल जेसवानी ने कहा कि यह धर्म की जीत है तथा 2 सप्ताह बाद की न्यायालय में होने वाली सुनवाई की तैयारी भी की जावेगी जिससे हमारे यह मंदिर नहीं हटाया जाये क्योंकि हम हिंदुओं के लिए यह आस्था के केंद्र हैं। केन्ट क्षेत्र के तीनों मंदिरों में हिन्दू सेवा परिषद् से अतुल जेसवानी, शिवसेना से पंडित कन्हैया तिवारी एवं विश्व हिन्दू परिषद् से विजय यादव पूरे समय तीनों मंदिरों में कार्यकर्ताओं समेत कार्रवाई रोकने के लिए मुस्तैद रहा।क्या है मामला.......
उल्लेखनीय है कि एमपी हाईकोर्ट ने शासकीय भूमि पर बनाए गए व यातायात में बाधक धार्मिक स्थालों को हटाने का आदेश दिया था। इस मामले में याचिकाकर्त्ता ने न्यायालय को बताया था कि २०१४ से अवमानना याचिका लंबित होने के बाद भी अभी तक कई धार्मिक स्थलों को नहीं हटाया गया है। जिसके बाद एमपी हाईकोर्ट ने तत्काल बचे हुए धार्मिक स्थल हटाने के निर्देश दिए है। एमपी हाईकोर्ट को पूर्व में शासकीय भूमि पर बने धार्मिक स्थलों की जो सूची केंट बोर्ड द्वारा प्रस्तुत की गई थी। एमपी हाईकोर्ट में केंट बोर्ड द्वारा जो धार्मिक स्थलों की सूची दी गई है उसमें पहलवान बाबा चौक स्थित हनुमान मंदिर पंचमुखी हनुमान मंदिर सदर एवं बाबादीन चौराहे स्थित हनुमान मंदिर को हटाया जाना था। इसके अलावा रक्षा संपदा विभाग के प्रबंधन में आने वाली जमीनों से भी मंदिर -मजार हटाए जाने प्रस्तावित है।