भोपाल ।
बुंदेलखंड के छतरपुर में बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) है. धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri). इन दिनों काफी चर्चा में हैं. हालांकि दरबार के शुरुआती दौर से ही वे अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे हैं। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री कथित विवादित बोल और चमत्कार को लेकर अभी चर्चा में है। उनके द्वारा महाराष्ट्र में सनातन धर्म के पक्ष में दिलाई शपथ और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चमत्कार को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस बीच मध्यप्रदेश के संत पुजारी संघ बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में उतर गया हैं।
मामले को लेकर मध्यप्रदेश के संत पुजारी संघ की स्थापना दिवस पर बड़ी बैठक हुई है। बैठक में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में प्रस्ताव पास किया गया है। प्रस्ताव में लिखा है कि कोई संस्था या समाज उनके ऊपर आरोप लगाते हैं या उनकी प्रतिष्ठा पर अंकुश लगाने का प्रयास करेंगे तो मध्यप्रदेश के 50 हजार पंडित उनके समर्थन पर सड़कों पर उतर जाएंगे। पारित प्रस्ताव की जानकारी पुजारियों ने मीडिया को भी दी है।
बता दें कि मध्यप्रदेश संत पुजारी संघ में प्रदेश के 50 हजार से ज्यादा पंडित जुड़े हुए हैं। अभी वर्तमान में धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहा है जहां आरोप-प्रत्यारोप और कथित विवाद के बाद भी लाखों श्रद्धालु जुट रहे है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू-टोना’ को बढ़ावा देते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से मांग भी की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो।
हाल ही में उपजा एक विवाद
दरअसल धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जगह-जगह जाकर श्रीराम कथा करते हैं। साथ में अपना एक ‘दिव्य चमत्कारी दरबार’ लगाते हैं । श्रद्धालुओं के अनुसार इस दरबार में बाबा को आपके बारे में सब पता होता है. ऐसी ही एक 'श्रीराम चरित्र-चर्चा' महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुई थी। तय तो था कि ये कथा 13 जनवरी तक चलनी थी। लेकिन दो दिन पहले यानी 11 जनवरी को ही संपन्न हो गई। कार्यक्रम के स्थगन को लेकर तर्क दिया गया कि नागपुर की एक संस्था ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर जादू-टोना और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगा दिया और इस वजह से धीरेंद्र को कार्यक्रम छोड़कर जाना पड़ा।प्राप्त जानकारी के अनुसार अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा कि 'दिव्य दरबार' और 'प्रेत दरबार' की आड़ में धीरेंद्र शास्त्री ‘जादू-टोना’ को बढ़ावा देते हैं. देव-धर्म के नाम पर आम लोगों को लूटने, धोखाधड़ी और शोषण भी किया जा रहा है. समिति ने पुलिस से मांग भी की है कि धीरेंद्र शास्त्री पर कार्रवाई हो।
30 लाख का मिला था चेलेंज..
अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति का कहना है कि उसकी तरफ से धीरेंद्र शास्त्री को 30 लाख रुपये का चैलेंज दिया गया था. कहा कि वो उन लोगों के बीच दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए और अगर वो ये दावा करते हैं कि सबके बारे में सब जान लेते हैं, तो उनका सच बताएं. अगर वो उनके बारे में सच-सच बता देते हैं, तो वो उसे भेंट स्वरूप 30 लाख रुपए देंगे. लेकिन धीरेंद्र ने चैलेंज स्वीकार नहीं किया. और तो और, दो दिन पहले ही दिव्य चमत्कारी दरबार लगाए बिना ही नागपुर से चले गए. इसी मुद्दे पर समिति धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विरोध कर रही है.नगर निगम जबलपुर ने इन बकायेदारों की संपत्ति कर ली है कुर्क
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