जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट के जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने मिशनरी जमीन की हेरफेर करने के आरोपी बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को १० लाख मुचलके पर सशर्त जमानत मंजूर की है। हाईकोर्ट ने कहा है कि पीसी सिंह को अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। १३ जनवरी को हाई कोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की कोर्ट ने बिशप पीसी सिंह के मामले में सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर मंगलवार को फैसला सुनाया गया। मिशनरी जमीन की हेरफेर के आरोप में पिछले करीब ४ महीनें से सेंट्रल जेल जबलपुर में बंद बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को हाईकोर्ट से १० लाख रुपए के मुचलके पर सशर्त जमानत मिली है। इस मामलें में ईओडब्ल्यू पीसी िंसह के खिलाफ चार्जशीट कर चुका है। ईओडब्ल्यू की ओर से जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान विरोध भी किया गया था।
मिशनरी की शैक्षणिक संस्थाओं से वसूली और सरकारी जमीन को बेचने के मामले और अवैध तरीके से धर्मांतरण में लगी संस्थाओं को फंडिंग करने के आरोप में जेल में बंद रहें पीसी सिंह के बेटे पीयूष पाल और करीबी सुरेश जैकब को पहले ही हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी थी। अदालत के फैसले से पूर्व बिशप को बड़ी राहत मिली है।
बर्खास्त बिशप पीसी सिंह पर ईओडब्ल्यू के अलावा ईडी ने भी फेमा और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। पीसी सिंह के खिलाफ देश भर में १०० से अधिक मामले दर्ज हैं। सीएनआई ने बिशप और उसके परिवार सहित करीबियों को सभी संस्थाओं और पदों से पहले ही बर्खास्त कर चुका है। पीसी सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने पैरवी की।