नईदिल्ली।
यदि बच्चे परीक्षा में अच्छे अंक न ला पाएं या फेल हो जाएं तो उन्हें पेरेंट्स की जरुरत होती है। फेल हो जाने पर बच्चे पेरेंट्स बच्चों का साथ छोड़ देते हैं। उनसे नाराज हो जाते हैं लेकिन यदि बच्चा परीक्षा में फेल हो गए हैं तो पेरेंट्स इन तरीकों से उनका हौंसला बढ़ा सकते हैं।
शर्म महसूस करने के कारण बच्चे अपने पेरेंट्स से खुलकर बात नहीं कर पाते और किसी भी तरह की बात से कतराते हैं। परंतु यह जरुरी है कि माता-पिता बच्चे को किसी भी तरह की शर्मिंदगी महसूस करवाने के बजाय अपने बच्चों का साथ दें और उनका साथ भी खुलकर दें। बच्चे को हौसला दें और उनकी गलतियों से सीख लें। बच्चे का आप साथ दें और उसे किसी भी तरह के डिप्रेशन से बचाए।
हर बच्चा अपने पेरेंट्स को खुश देखना चाहता है ऐसे में जब वह पेपर में फेल हो जाएं तो उन्हें बहुत ही गिल्टी फील होता है जिसके कारण वह डिप्रेशन में जा सकते हैं। ऐसे में आप उन्हें सजा देना के अलावा बच्चों का साथ दें।कई बार पेरेंट्स बच्चों से बहुत ही उम्मीद लगा लेते हैं जिसके कारण भी बच्चे दबाब में आने लगते हैं। इससे उनकी परफॉर्मेंस भी खराब होने लगती है यदि आपका बच्चा एग्जाम में फेल हो गया है तो आप साथ में बैठकर आप उनके साथ गोल तय करें और बच्चे का गोल पूरा करने में उसकी मदद करें। ताकि वह आगे के पेपर्स में फेल न हो सके।
दूसरों के साथ अपने बच्चों की तुलना बिल्कुल भी न करें। इससे भी उनका आत्मविश्वास डगमगा सकता है। एग्जाम में फेल होने के कारण उनकी आगे की जिंदगी भी बर्बाद हो सकती है। बच्चे और टीनएजर के साथ यह समस्या होती है कि वह अपने कठिन समय में बच्चों से किसी भी तरह की मदद नहीं मांगते। ऐसे में आप उन्हें आगे बढ़कर बताएं कि किसी भी तरह की परेशानी में आप उनके साथ हैं।