समय पूर्व जन्में बच्चों की देखभाल के लिए माता-पिता को दी गयी जानकारी
जबलपुर राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का आयोजन जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में 21 से 27 नवम्बर तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत नवजात शिशु के देखभाल के साथ उनमें होने वाले संक्रमणों की जानकारी देकर जनसामान्य को जागरूक किया जा रहा है। विश्व में कुल 1.5 करोड़ प्री टर्म जन्मों में हर पांचवा भारत मे होता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण समय से पहले जन्म है।
इसी तारतम्य में आज समय पूर्व जन्में (प्री टर्म) शिशुओं की देखभाल के लिए विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस के उपलक्ष्य पर प्री टर्म शिशुओं के माता-पिता को एल्गिन अस्पताल में आयोजित एक सेशन के माध्यम से बताया गया कि ऐसे बच्चों की देखभाल व विकास के लिए उनकी भूमिका भी किसी चिकित्सक से कम नही होती है। बच्चों के माता-पिता को बताया गया कि कैसे बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग करें। खतरे वाले चिन्हों को पहचानें और आवश्यकता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उन्हें बताया गया कि समय पूर्व जन्मे बच्चे अतिसंवेदनशील व कमजोर होते हैं उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे वे अन्य सामान्य शिशुओं की अपेक्षा जल्द संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, इसलिए उनके पास जाने से पहिले अपने हाथों को साबुन से धोएं, मां अधिक से अधिक बच्चे को अपनी त्वचा से संपर्क में रखें जिससे वह गर्म रहे और शिशु के मुँह से अपने मुँह को दूर रखें, स्तनपान जारी रखें। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह की गतिविधियों का आयोजन एल्गिन अस्पताल, मेडिकल, जिला अस्पताल विक्टोरिया के साथ साथ जिले के समस्त डिलेवरी पॉइंट, शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक साथ किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी एवं डीआईओ डॉ शत्रुघ्न सिंह दाहिया ने इस मौके पर बताया कि समय से पहले जन्मे (प्रिमेच्योर) बच्चों में बृद्धि विलंब,मोटापा, खराब प्रतिरक्षा, न्यूरोकॉग्निटिव, के साथ शारीरिक व मानसिक विकास की समस्यायें होने की संभावना होती हैं।
जबलपुर राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह का आयोजन जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में 21 से 27 नवम्बर तक किया जा रहा है। इसके अंतर्गत नवजात शिशु के देखभाल के साथ उनमें होने वाले संक्रमणों की जानकारी देकर जनसामान्य को जागरूक किया जा रहा है। विश्व में कुल 1.5 करोड़ प्री टर्म जन्मों में हर पांचवा भारत मे होता है। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का प्रमुख कारण समय से पहले जन्म है।
इसी तारतम्य में आज समय पूर्व जन्में (प्री टर्म) शिशुओं की देखभाल के लिए विश्व प्रीमेच्योरिटी दिवस के उपलक्ष्य पर प्री टर्म शिशुओं के माता-पिता को एल्गिन अस्पताल में आयोजित एक सेशन के माध्यम से बताया गया कि ऐसे बच्चों की देखभाल व विकास के लिए उनकी भूमिका भी किसी चिकित्सक से कम नही होती है। बच्चों के माता-पिता को बताया गया कि कैसे बच्चों की नियमित स्क्रीनिंग करें। खतरे वाले चिन्हों को पहचानें और आवश्यकता होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उन्हें बताया गया कि समय पूर्व जन्मे बच्चे अतिसंवेदनशील व कमजोर होते हैं उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे वे अन्य सामान्य शिशुओं की अपेक्षा जल्द संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, इसलिए उनके पास जाने से पहिले अपने हाथों को साबुन से धोएं, मां अधिक से अधिक बच्चे को अपनी त्वचा से संपर्क में रखें जिससे वह गर्म रहे और शिशु के मुँह से अपने मुँह को दूर रखें, स्तनपान जारी रखें। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय नवजात शिशु सप्ताह की गतिविधियों का आयोजन एल्गिन अस्पताल, मेडिकल, जिला अस्पताल विक्टोरिया के साथ साथ जिले के समस्त डिलेवरी पॉइंट, शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक साथ किया जा रहा है।
नोडल अधिकारी एवं डीआईओ डॉ शत्रुघ्न सिंह दाहिया ने इस मौके पर बताया कि समय से पहले जन्मे (प्रिमेच्योर) बच्चों में बृद्धि विलंब,मोटापा, खराब प्रतिरक्षा, न्यूरोकॉग्निटिव, के साथ शारीरिक व मानसिक विकास की समस्यायें होने की संभावना होती हैं।
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