न्याय दिलाने में भी सहयोग करे अभियोजन अधिकारी : जस्टिस मिश्रा
जबलपुर ।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा ने कहा कि अभियोजन अधिकारियों का कार्य न केवल अपराधियों को सजा दिलाना है बल्कि न्याय प्रदान करने में सहयोग प्रदान करना भी है। सत्य को प्रकट कर न्याय दिलाने में अभियोजन अधिकारियों का बड़ा दायित्व है। उन्होंने कहा कि लैगिंग अपराधों एवं किशोर न्याय के मामलों में जागरुकता लाने के लिए मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर छोटी-छोटी कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए। जस्टिस श्री मिश्रा यहां होटल विजन महल में अभियोजन अधिकारियों की संभाग स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि अभियोजन अधिकारियों की कार्यदक्षता में वृद्धि एवं नवीन परिदृश्य के अनुरूप कार्य करने के लिए यह कार्यशाला महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया के विभिन्न माध्यमों व स्कूल कॉलेजों में इस प्रकार के छोटे छोटे जागरूकता से संबंधित कार्यशाला का आयोजन कराया जाना चाहिए जिससे अपराधों में कमी आ सके। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि अभियोजन और पुलिस के समन्वय से प्रकरणों में सजा का प्रतिशत बढ़ा है और आगामी कार्यशाला में पुलिस अधिकारियों को भी आमंत्रित करने को भी कहा गया जिससे विवेचना की कमियों को दूर किया जा सके। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में संकल्प कोचर अधिवक्ता म.प्र. उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का संकलन एवम साक्ष्य की ग्रहता के संबंध में जानकारी दी गई। जिला न्यायाधीश रविन्द्र प्रताप सिंह चुण्डावत ने लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम २०१२ के प्रावधान एवं साक्ष्य संकलन विषय पर उद्बोधन दिया गया श्रीमती मंजू सिंह प्रधान मजिस्ट्रेट ने किशोर न्याय अधिनियम २००५ से संबंधित प्रावधान तथा साक्ष्य संकलन एवम न्यायलय में आने वाली कठिनाइयों पर जानकारी दी गई। कार्यशाला में संभाग के सभी जिलों के अभियोजन अधिकारी मौजूद थे। कार्यशाला की अध्यक्षता उपसंचालक अभियोजन विजय कुमार उईके ने की। अंत में जिला अभियोजन अधिकारी अजय कुमार जैन द्वारा आभार व्यक्त किया गया।