नई दिल्ली ।
नौकरी के लिए भूखंड घोटाला मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो को केंद्र से मुकदमा चलाने की इजाजत मिल गई है। एजेंसी ने शुक्रवार को एक विशेष अदालत के समक्ष मंजूरी के बारे में बताया। एजेंसी की चार्जशीट का संज्ञान लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी से मुकदमा चलाने की मंजूरी विशेष अदालत के लिए एक शर्त है।सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल 7 अक्टूबर को लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके परिवार को उपहार में दी गई या बेची गई भूमि के बदले में की गई कथित नियुक्तियों के संबंध में चार्जशीट दायर की थी लेकिन लेकिन संज्ञान लंबित था।
सीबीआई की विशेष अदालत में दाखिल चार्ज शीट में जांच एजेंसी ने लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती मध्य रेलवे की पूर्व महाप्रबंधक सौम्या राघवन रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनराई स्थानापन्न के रूप में नियुक्त सात प्रतिभागियों और चार निजी व्यक्तियों को भी नामजद किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और मध्य रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचते हुए अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के एवज में लोगों को नियुक्त किया था।