जबलपुर।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लोक निर्माण विभाग वर्षों से मलाईदार जायके जैसा रहा है। इस विभाग के जिले, तहसील, विकासखंडों के अलावा अन्यत्र कई स्थानों पर कार्यालय, उपकार्यालय (डिवीज़न, सब डिवीज़न )बने है। इकलौते जबलपुर नगर मे मेडिकल, कलानिकेतन, जेल, कोर्ट.....15 से 20 एस डी ओ कार्यालय हैँ जिनमें कई उपयंत्री भी है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने आगे बताया कि इस विभाग का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी हवाई यात्रा की ख्वाहिश रखता है और मौका पाते ही सफर भी पूरा कर लेता है तो सोचने वाली बात है बाबुओं एवं ऑडिटरों की तो बल्ले बल्ले।पुराने चार पांच पीढ़ियों से ठेकेदारी करने वाले अपना मालिकाना हक समझते हैँ। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार ठेकेदारों के अपने अपने क्षेत्र हैँ उनका उस जगह एकाधिकार है जैसे मानकुंवर बाई कॉलेज, होमसाइंस कॉलेज, डॉक्टर्स क्वाटर्स एवं बँगले, पॉलिटेक्निक कॉलेज जेल परिसर, हाई कोर्ट बिल्डिंग एवं जज बँगले, कलेक्टरेट बिल्डिंग.. इत्यादि मे डिपाजिट वर्क के काम अधिक होते है यहाँ अधिकारीयों के चहेते कृपा पात्र गिने चुने ठेकेदार जिनकी टेंडर लगाने वाले से लेकर एस डी ओ, इंजीनियर, ऑडिटर सब से तगडी सेटिंग रहती है वे ही मलाई खाते भी हैँ और परसेंटेज बेस पर ज्यादातर रेनोवेशन का, मरम्मत का कार्य करते हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के अनुसार यहाँ कि खबरें इसलिए बाहर नहीं आती क्योंकि यहाँ के छुटभईया नेता अधिकारीयों और ठेकेदारों से अपना नेतागिरी का टैक्स वसूल करते रहते हैँ। यदि किसी अधिकारी ने ना नुकुर की तो जबरन जिंदाबाद मुर्दाबाद का हो हल्ला कर दबाब बनाते हैँ।एक दूसरे के राज इनके सीनों मे दफ़न हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने बताया कि मुख्य अभियंता कार्यालय (चीफ इंजीनियर ऑफिस), अधीक्षण यंत्री कार्यालय, संभागीय कार्यालय 1 एवं 2, विधुत यांत्रिकी कार्यालय सारे के सारे संस्कारधानी का गौरव बढ़ा रहे है और पूरे जिले मे 50 से अधिक कार्यालय तथा उप कार्यालय हैँ। एकमात्र इस विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी समस्याग्रस्त नहीं हैँ बाकी विभागों के लोकसेवकों की समस्याओँ के समाचार लगभग प्रतिदिन समाचार पत्रों मे प्रकाशित होते रहते हैँ।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर,जी आर झारिया, ऋषि पाठक, अफ़रोज़ खान,भास्कर गुप्ता,विश्वनाथ सिंह, आकाश भील, कमलेश दुबे, समर सिंह, अजब सिंह, इमरत सेन, नितिन तिवारी, धर्मेंद्र परिहार, धर्मेंद्र अवस्थी,विशाल सिंह, चंद्रभान साहू, विष्णु झारिया, आदेश विश्वकर्मा, अजय श्रीपाल रामदयाल उइके, रामकिशोर इपाचे, सुरेंद्र परसते, सुरेन्द्र जायसवाल, महेश मेहरा, पवन सोयाम, मदन पांन्द्रो, सुधीर गौर, अंजनी उपाध्याय, मनीष झारिया, विजय तिवारी, दिनेश बिसेन, रोहित साहू, बृजेन्द्र तिवारी, भोगीराम चौकसे, गंगाराम साहू, योगिता नंदेश्वर, सुमिता इंगले, अर्चना भट्ट, गीता कोल, राजेश्वरी दुबे, कल्पना ठाकुर, संध्या पटेल, अम्बिका हँतिमारे, माया सोयाम, ब्रजवती आर्मो, रेनू बुनकर, पूर्णिमा बेन, भागीरथ परसते, सिया पटेल, सुमन डेहरिया, पुष्पा रघुवंशी, सरोज कोल आदि ने सरकार तथा शासन -प्रशासन से आग्रह किया है कि पारदर्शिता के साथ कार्य किये जावे ऐसी परंपरा का निर्वहन अनिवार्य किया जावे।