न्यायालय श्रीमान् सैफी दाऊदी अपर सत्र न्यायाधीश सिहोरा जिला जबलपुर (म.प्र.) की न्यायालय द्वारा आरोपी गोपी सिंह, शिवदास, राजेश, गुलाब सिंह, हेमलता को थाना खितौला के अपराध क्रं 40/16 प्र. क्र. 325/16 में धारा 396 (विकल्प धारा 302) भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदंड तथा धारा 201 भादवि में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदंड एवं 27 आयुध अधिनियममें 10 वर्ष का कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया।
विशेष लोक अभियोजक एवं मीडिया सेल प्रभारी सिहोरा दिलावर धुर्वे के द्वारा बताया गया कि फरियादी जयकुमार शुक्ला द्वारा थाना खितौला में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके गांव में लोढा सिद्ध महाराज का मंदिर है दिनांक 04/02/2016 को शाम 6 बजे फरियादी अपने गांव के संतोष पटेल के साथ मंदिर पहुंचा जहां पर भागचंद एवं हीरालाल मंदिर की साफ सफाई कर रहे थे तभी एक सफेद रंग की बोलेरो गाडी मंदिर की साीढियों के पास खडी हुई जिसमें चार लोग बैठे थे, उनमें से 2 व्यक्ति उतरकर आए और फरियादी और हीरालाल से उनका नाम पता पूछने लगे तभी उनमें से 1 व्यक्ति बोलेरो गाडी की तरफ चला गया और कुछ समय बाद 2 व्यक्तियो को लेकर आया। दोनो के हाथ में बंदूक थी। उनमें से 1 व्यक्ति ने भागचंद (सफाईकर्मी) से मंदिर की चाॅबी मांगी, भागचंद द्वारा चाॅबी नहीं देने पर उस व्यक्ति ने उसके उपर बंदूक चलाई जिससे (मृतक) भागचंद के गले के नीचे गोली लगी और वह गिर गया फिर 1 व्यक्ति बंदूक लेकर दौडकर गया और हीरालाल के मुंह में बंदूक के बट से मारा तभी 1 आरोपी भागचंद के पास गया और भागचंद को उठाकर मंदिर के पीछे पहाडी तरफ ले गये तथा दूसरा आरोपी भागचंद के गले से निकले खून को साफ करने लगा फिर सभी आरोपी बोलेरो लेकर भाग गए। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। श्रीमान् उपसंचालक अभियोजन जबलपुर श्री विजय उईके एवं जिला अभियोजन अधिकारी श्री अजय कुमार जैन के मार्गदर्शन में मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्री दिलाबर धुर्वे द्वारा की गई एवं प्रकरण के 25 साक्षियों को न्यायालय मे परीक्षित कराया गया एवं न्यायालय में अंतिम बहस की गई।
विशेष लोक अभियोजक श्री दिलाबर धुर्वे के तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा सभी आरोपी गोपी सिंह, शिवदास, राजेश, गुलाब सिंह, हेमलता को थाना खितौला के अपराध क्रं 40/16 प्र. क्र. 325/16 में धारा 396 (विकल्प धारा 302) भादवि में आजीवन कारावास एवं 5000 रूपये अर्थदंड तथा धारा 201 भादवि में 3 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये अर्थदंड एवं 27 आयुध अधिनियममें 10 वर्ष का कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया।