क्या गलत हनुमान चालीसा का हो रहा उच्चारण..
जगतगुरु रामभद्राचार्य ने बताई हनुमान चालीसा की चौपाइयों में शाब्दिक त्रुटि..
विकास की कलम
सनातन धर्म में राम भक्त हनुमान का विशेष महत्त्व है। भक्ति की पराकाष्ठा और सेवा समर्पण के भाव से हर भक्त के हृदय में राज करने वाले पवनसुत चिरंजीवी माने जाते है। यही कारण है कि बल बुद्धि एवं प्रभु कृपा प्राप्ति के लिए हर सनातनी इन्हें पूजता है। सामान्य तौर पर हनुमानजी की पूजा के लिए "हनुमान चालीसा" का पाठ किया जाता है। लेकिन क्या हो जब आपको पता चले कि आपके द्वारा आज तक हनुमान चालीसा का गलत उच्चारण किया जा रहा था। यह बात हर हनुमान भक्त के लिए काफी परेशानी खड़ी करने वाला है। क्योंकि अगर आज तक उन्होंने गलत पाठ का उच्चारण किया तो आखिर सही उच्चारण क्या है...??
आपको बतादें की विश्व प्रसिद्ध कथा वाचक एवं तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी ने हनुमान चालीसा में गलतियां गिनवाई हैं। रामभद्राचार्य ने हनुमान चालीसा की कुछ चौपाइयों में शाब्दिक त्रुटियां बताई हैं। जगतगुरु रामभद्राचार्य ने मांग करते हुए कहा कि हनुमान चालीसा में इन अशुद्धियों को ठीक किया जाना चाहिए। उन्होंने 4 चौपाइयों के बारे में बताया है, जिन पर उन्होंने शाब्दिक त्रुटियों के होने का दावा किया है।
चौपाइयों की अशुद्धि को ठीक किया जाना चाहिए..
कथावाचक रामभद्राचार्य हाल ही में आगरा में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने हनुमान चालीसा में 4 अशुद्धियों के बारे में बताया। जगदगुरु ने कहा कि लोग गलत शब्दों का उच्चारण कर रहे हैं। जिन चौपाइयों में अशुद्धियां हैं, उन्हें ठीक किया जाना चाहिए।रामभद्राचार्य ने इन 4 चौपाइयों में बताईं अशुद्धि
● "शंकर सुमन केसरी नंदन", जो बोला जा रहा है, वो गलत है। हनुमान जी भगवान शंकर के पुत्र नहीं हैं, वो खुद शंकर हैं।
● 27वीं चौपाई में "सब पर राम तपस्वी राजा" बोला जा रहा है, जो गलत है। सही शब्द है- 'सब पर राम राय सिरताजा'
● 32वीं चौपाई में पाठ है- "राम रसायन तुम्हारे पास आ सदा रहो रघुवर के दासा"। इसमें "सदा रहो रघुवर के दासा" नहीं, बल्कि "सादर हो रघुवर के दासा" बोला जाना चाहिए।
● इसके अलावा एक चौपाई है- "जो सत बार पाठ कर कोई..."। इसमें होना चाहिए- "यह सत बार पाठ कर जोही, छूटहि बंदि महा सुख होई"।
जानिए कौन हैं जगतगुरु रामभद्राचार्य
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में जन्मे जगतगुरु रामभद्राचार्य चित्रकूट में स्थित तुलसी पीठ के पीठाधीश्वर हैं। जन्म 14 जनवरी 1950 जौनपुर जिले के शांडिकखुर्द गांव में उनका जन्म हुआ था। उनका बचपन का नाम गिरिधर बताया जाता है। जगतगुरु रामभद्राचार्य रामायण और भागवत के प्रसिद्ध कथाकार हैं। उन्होंने रामचरितमानस की एक प्रामाणिक प्रति भी लिखी है।
खिताब/सम्मान
धर्मचक्रवर्ती, महामहोपाध्याय, श्रीचित्रकूटतुलसीपीठाधीश्वर, जगद्गुरु रामानन्दाचार्य, महाकवि, प्रस्थानत्रयीभाष्यकार, इत्यादि
साहित्यिक कार्य
प्रस्थानत्रयी पर राघवकृपाभाष्य, श्रीभार्गवराघवीयम्, भृंगदूतम्, गीतरामायणम्, श्रीसीतारामसुप्रभातम्, श्रीसीतारामकेलिकौमुदी, अष्टावक्र, इत्यादि
अयोध्या जमीन विवाद में रहे गवाह
बताते चलें कि जगतगुरु रामभद्राचार्य अयोध्या के जमीन विवाद मामले में एक गवाह रहे हैं। श्रीरामजन्मभूमि के पक्ष में रामभद्राचार्य एक वादी के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उदाहरण के साथ गवाही दी थी। रामभद्राचार्य ने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता के जरिए उदाहरण दिए थे। बताया जाता है कि इसके बाद कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मंगाई गई और रामभद्राचार्य ने जो बातें बताई थीं, उनका विवरण देखा गया, जो सही पाए गए थे।
भोपाल का नाम हो भोजपाल : रामभद्राचार्य
जगतगुरु ने अखंड भारत की भी वकालत की. उनका कहना था कि, आने वाले समय में अखंड भारत होकर रहेगा. पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के साथ जोड़ा जाएगा. क्योंकि यह भारत का अभिन्न अंग है.दिग्विजय सिंह से जुड़े सवाल पर उन्होंने दिग्विजय सिंह की मति को भ्रष्ट होना बताया है. भोपाल का नाम भोजपाल किए जाने की जगतगुरु ने वकालत की है. उनका कहना है कि, जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अयोध्या नाम हुआ है और अन्य जगहों के नाम बदले जा रहे हैं. ऐसे में भोपाल का नाम भी भोजपाल होना चाहिए. क्योंकि यह राजा भोज की भूमि थी।
पूरे विश्व में अपनी ख्याति का ढंका बजा रहे बाघेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के गुरु कोई और नहीं बल्कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा था। उस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी खुल कर अपने शिष्य धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आ गए थे। भोपाल में एक राम कथा वाचन के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि, धीरेंद्र शास्त्री कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं. नागपुर की संस्था जिस तरह से उन पर सवाल उठा रही है, यहां तक कि उनके खिलाफ FIR भी करवा रही है. ये वे लोग हैं जो अच्छा काम करने वालों पर सवाल उठाते हैं. हम जब अच्छा काम करते हैं तो सवाल उठाए जाते हैं. इसलिए उन पर भी सवाल उठ रहे हैं.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य से जब पूछा गया कि, वह अधिकतर ऐसी बात कह जाते हैं जो बीजेपी समर्थित होती है. इस पर उनका कहना है कि, जो काम अच्छा करता है. उसका मैं समर्थन करता हूं. आज के समय में मोदी अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए मेरा उनसे प्रेम रहता है. पहले राजीव गांधी अच्छा काम करते थे. देश में कंप्यूटर की क्रांति लेकर आए थे. मैं उनसे भी प्रेम करता था. राहुल गांधी को लेकर सवाल पूछा गया कि, आप उनसे भी प्रेम करते हैं तो महाराज ने तीखा जुबानी वार कर दिया.
बाघेश्वर सरकार के गुरु है रामभद्राचार्य जी महाराज..
पूरे विश्व में अपनी ख्याति का ढंका बजा रहे बाघेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के गुरु कोई और नहीं बल्कि जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी ही है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा था। उस दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी खुल कर अपने शिष्य धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में आ गए थे। भोपाल में एक राम कथा वाचन के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि, धीरेंद्र शास्त्री कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहे हैं. नागपुर की संस्था जिस तरह से उन पर सवाल उठा रही है, यहां तक कि उनके खिलाफ FIR भी करवा रही है. ये वे लोग हैं जो अच्छा काम करने वालों पर सवाल उठाते हैं. हम जब अच्छा काम करते हैं तो सवाल उठाए जाते हैं. इसलिए उन पर भी सवाल उठ रहे हैं.
राहुल गांधी को लेकर दिए बयान पर भी चर्चा में रहे जगद्गुरु रामभद्राचार्य
जगद्गुरु रामभद्राचार्य से जब पूछा गया कि, वह अधिकतर ऐसी बात कह जाते हैं जो बीजेपी समर्थित होती है. इस पर उनका कहना है कि, जो काम अच्छा करता है. उसका मैं समर्थन करता हूं. आज के समय में मोदी अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए मेरा उनसे प्रेम रहता है. पहले राजीव गांधी अच्छा काम करते थे. देश में कंप्यूटर की क्रांति लेकर आए थे. मैं उनसे भी प्रेम करता था. राहुल गांधी को लेकर सवाल पूछा गया कि, आप उनसे भी प्रेम करते हैं तो महाराज ने तीखा जुबानी वार कर दिया.