Vikas ki kalam

कलेक्टर की कोचिंग में नागरिकों ने जाना मौलिक अधिकारों का महत्त्व





जबलपुर -

अकसर देखा गया है कि जानकारी के अभाव में जनता शोषण का शिकार होती है। उसे न तो अपने अधिकारों की ताकत का अंदाजा होता है और न ही उसके उपयोग की जानकारी। उसकी यही अनभिज्ञता उसे कई बार काफी परेशानी में भी डाल देती है। भारत के बेहद खूबसूरत संविधान ने देश के नागरिकों को स्वयं के स्वाभिमान की रक्षा का एक अचूक अस्त्र दिया है। जिसे मौलिक अधिकार अधिकार कहा जाता है।

मौलिक अधिकार नागरिकों को सरकार के विरुद्ध एक सुरक्षा प्रदान करते हैं और उनके अधिकार एवं स्वतंत्रता की सरकार के अतिक्रमण से सुरक्षा करते हैं। यह सरकार की कार्यकारिणी तथा विधान पालिका पर अंकुश लगाते हैं। लोक तथा निजी अधिकारों के संरक्षण के लिए यह आवश्यक है । इन अधिकारों का उद्देश्य ऐसे अति आवश्यक अधिकार जैसे प्राणों का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, वाक्य तथा अभिव्यक्ति का अधिकार आदि की घोषणा करना है कि यह अधिकार अलधनिय है । विधानमंडल में बदलते बहुमत के कारण इन अधिकारों पर कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा । यह अधिकार वोट के अधीन नहीं है तथा इन पर चुनाव के परिणाम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

जबलपुर में इन दिनों शहर की अवाम को मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का जिम्मा जबलपुर कलेक्टर ने उठाया है। दरअसल जिला प्रशासन द्वारा संचालित ज्ञानाश्रय कोचिंग क्लास में सिविल सेवा एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने आज संविधान के भाग तीन में नागरिकों को दिये गये मौलिक अधिकारों का पाठ पढ़ाया ।

पंडित लज्जा शंकर झा उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मॉडल स्कूल में एक मार्च से संचालित ज्ञानाश्रय कोचिंग क्लास में कलेक्टर सौरभ सुमन आज मंगलवार को एक बार फिर शिक्षक की भूमिका में नजर आये । ज्ञानाश्रय कोचिंग क्लास में लगभग दो सौ छात्र-छात्रायें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं ।







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