अब विक्टोरिया अस्पताल में भी होगी मेमोग्राफी मशीन।
सरकारी अस्पतालों में सिर्फ एम्स के पास थी ये मशीन
जबलपुर।
जिला अस्पताल में आने वालों मरीजों को जल्द ही एक नई सौगात मिलने जा रही है। जिससे अब जिला चिकित्सालय विक्टोरिया में उपचार के लिए आने वाले सेकड़ों मरीज मेमोग्राफी Mammography जैसी आधुनिक सुविधा का लाभ ले पाएंगे । आपको बतादें की सरकारी अस्पतालों की लिस्ट में अभी तक सिर्फ एम्स (AIMS) के पास ही यह मशीन थी। लेकिन यह बेहद राहत भरी ख़बर है कि प्रदेश के 13 जिला अस्पतालों में मेमोग्राफी मशीन लगाए जाने का निर्णय ले लिया गया है। जिसके तहत टेंडर अगले हफ्ते किया जाना है।
जानिए आखिर क्या है..? मैमोग्राफी Mammography
मैमोग्राफी या मेमोग्राम टेस्ट महिलाओं के स्तनों का एक्स रे होता है। यह ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने का बहुत ही अच्छा और सटीक तरीका है। नियमित चिकित्सीय परीक्षण के साथ स्तन कैंसर के शुरुआती निदान का मैमोग्राम एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।चिकित्सकीय जानकार बताते है कि 40 वर्ष उम्र के बाद या उससे भी पहले, यदि किसी महिला को ब्रेस्ट कैंसर का खतरा हो, तो उस को हर वर्ष मेमोग्राम कराना चाहिए। यदि आपके परिवार में स्तन कैंसर का कोई व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास है, तो आपके डॉक्टर 40 की उम्र से पहले स्क्रीनिंग शुरू कर सकते हैं या अतिरिक्त नैदानिक तरीकों का उपयोग कर सकता है। खतरे के कारणों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार, स्किन कैंसर के बाद महिलाओं में स्तन कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है।
अगर आपके डॉक्टर किसी भी कैंसर या परिवर्तन की जांच करने के लिए एक नियमित टेस्ट के रूप में मेम्मोग्राम करने के लिए कहते हैं, तो उसे स्क्रीनिंग मेमोग्राम कहा जाता है। इस प्रकार के टेस्ट में, आपके डॉक्टर प्रत्येक स्तन के कई एक्स-रे लेंगे।
यदि आपके ब्रैस्ट में गांठ या ब्रैस्ट कैंसर के कोई अन्य लक्षण हैं, तो आपके डॉक्टर नैदानिक मैमोग्राम करवाने के लिए कहेंगे। यदि आपका स्तन प्रत्यारोपण (breast implants) हुआ है तो आपको शायद एक नैदानिक मेम्मोग्राम की आवश्यकता होगी। डायग्नोस्टिक मैमोग्राम स्क्रीनिंग मैमोग्राम से अधिक बेहतर हैं।
मैमोग्राम मशीन के लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, रतलाम, खंडवा, शहडोल, छिंदवाडा, शिवपुरी, विदिशा और दतिया के जिला अस्पतालों का हुआ चयन
मशीन खरीदी के लिए स्वास्थ्य मंत्री की हरी झंडी
प्रदेश के 13 जिला अस्पतालों में पीपीपी मोड पर मेमोग्राफी मशीन लगाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग मशीन खरीदी के लिए कंपनी फाइनल करने की प्रक्रिया अगले हफ्ते में शुरू करेगा। शुरुआती दौर में उन्हीं शहरों के जिला अस्पतालों में मेमोग्राफी मशीन लगेंगी, जहां सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के मुताबिक मेमोग्राफी मशीनों की खरीद के लिए कागजी कार्यवाही पूरी हो गई है।इसके लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, रतलाम, खंडवा, शहडोल, छिंदवाडा, शिवपुरी, विदिशा और दतिया का चयन हुआ है। मेमोग्राफी जांच से महिलाओं के ब्रेस्ट में होने वाली गठानों का पता लगाते हैं। अभी प्रदेश में सिर्फ एम्स ही एक मात्र सरकारी अस्पताल है, जहां मेमोग्राफी जांच होती है। प्राइवेट में इसकी जांच 1500 से 4000 रु. तक में होती है।
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