जबलपुर
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार लोक शिक्षण संचालनालय एवं राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा प्रति वर्ष शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित होने से पहले ही नियोजित तरीके से पत्र जारी कर दिए जातें हैं जैसे कि प्रशिक्षण,समर कैंप या कोई अन्य ड्यूटी लगा दी जाती है। प्रायः अनेकों शिक्षक प्रति वर्ष इस तरह से अवकाशों में भी अपना योगदान देते हैं किन्तु उन्हें अर्जित अवकाश भी नहीं दिया जाता।
जबकि शिक्षा विभाग में शनिवार अवकाश घोषित नहीं है एवं रविवार को भी शासन-प्रशासन सर्वोच्च प्राथमिकता वाले समस्त कार्य में सिर्फ शिक्षा विभाग को ही जानबूझकर फंसाया जाता है, जबकि अन्य विभागों में पांच दिवसीय कार्यालय संचालित हो रहे हैं एवं शनिवार रविवार अवकाश घोषित हैं।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने बताया कि शासन पहले तो वर्षवार केलेंडर जारी कर ग्रीष्म कालीन अवकाश घोषित कर देते हैं किन्तु अन्तिम समय पर इन्हें ग्रीष्म कालीन अवकाश आँखों में खटकने लगता है। जबकि पूर्व में कार्यालय प्रमुखों को अर्जित अवकाश स्वीकृत करने की पात्रता थी किन्तु अब इसे जटिल कर दिया गया है। शिक्षक शासन प्रशासन के समस्त सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कार्य में सालभर स्कूलों के कार्यों के साथ साथ अन्य शासकीय योजनाओं के कार्यों में पूर्ण सहयोग करते हैं किन्तु इस तरह से शिक्षा विभाग के शिक्षकों को हलाकान-परेशान किया जा रहा है जिससे शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के दिलीप सिंह ठाकुर, अरविन्द विश्वकर्मा, जी आर झारिया, भास्कर गुप्ता, नितिन तिवारी, विश्वनाथ सिंह, आकाश भील, धर्मेंद्र परिहार, अजब सिंह, पुष्पा रघुवंशी, ऋषि पाठक, सुल्तान सिंह, देवराज सिंह, अजय श्रीपाल, अम्बिका हँतिमारे, सुमिता इंगले,विष्णु झारिया, महेश मेहरा, माधव पाण्डेय, शायदा खान, अंजनी उपाध्याय, सरोज कोल, गीता कोल इत्यादि ने आयुक्त,लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से मांग है कि ग्रीष्म कालीन अवकाश को यथावत रखें एवं शिक्षकों की अर्जित अवकाश स्वीकृत करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करें।