राग से बैराग की अद्भुत बारात
*भगवान नेमिनाथ जी को कराया नगर भ्रमण* *बारात के रूप में निकली शोभायात्रा*
विकास की कलम/जबलपुर
जैन धर्म के 22 वें तीर्थंकर भगवान श्री नेमिनाथ जी के जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में प्रभु जी की रथयात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से गाजे बाजे के साथ निकाली गई। जगह-जगह समाज के श्रावक-श्राविकाओं ने गवली करके नगर भ्रमण पर निकले भगवान नेमिनाथ जी की आराधना की।
इस यात्रा का आयोजक दिगंबर जैन पंचायत सभा, जैन नवयुवक सभा, समस्त जैन मंदिर समिति एवं सकल जैन समाज के द्वारा किया गया,
यात्रा में मुख्य भूमिका में उपस्थित रहे दिगंबर जैन पंचायत सभा के पंच सीए राजेश जैन ने भगवान नेमिनाथ के विवाह की कथा का वर्णन करते हुए बताया कि श्रीकृष्ण भगवान नेमिनाथ के भाई थे। भगवान श्रीकृष्ण ने नेमिकुमार का विवाह सावन के महीने में रचाने की तैयारी करवाई। इसके बाद भगवान नेमिकुमार की बारात सोरीपुर से जूनागढ़ जाती है। इस बारात में 56 करोड़ देवी-देवताओं और गंधर्व आदि शामिल हुए। बारात आगे बढ़ती है। बारात की खातिर दारी के लिए जूनागढ़ में सैकड़ों गायों को भूखा-प्यासा रखा जाता है। भगवान नेमिकुमार आगे बढ़ते हैं, तो उन्हें गायों की आवाज आती है। फिर वे गायों के पास जाते हैं और उनकी अवस्था को देखकर मन में विचार करते हैं कि हमारी शादी में इतने अधिक जीवों को कष्ट दिया जाएगा। इसके बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है और वे विवाह मंडप छोड़कर तप करने के लिए गिरनाथ सिखर पर्वत की ओर चल देते हैं और तप करते हैं।
इसी त्याग और तप को आत्मसात करने यह सांकेतिक बारात निकाली जाती है
कार्यक्रम को सफल बनाने में विनय जैन, चक्रेश पन्नी, अनीष खलीफा, मिंकू जैन, मंजेश जैन सहित समस्त जैन बहनों और बंधुओ का योगदान रहा ।