डेंगू का मच्छर - पार्ट 2
कछियाना में कहर बरपा रहा डेंगू ..
CMHO बोले..में नहीं मानता शहर में डेंगू है..
जबलपुर मध्यप्रदेश
अपनी निष्पक्ष निर्भीक और स्वतंत्र खबरों के लिए हमेशा से अपने पाठकों की पहली पसंद के नाम से पहचाने जाने वाली विकास की कलम एक बार फिर से भृष्ट अधिकारियों के मुंह में कालिक पोतते हुए सच को उजागर करने और जनता के बीच में लाने का प्रयास कर रही है।
वह जानती है कि इस लड़ाई में उसे नीचा दिखाने के लिए तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोपों का दौर अब शुरू होने वाला है लेकिन पत्रकारिता के अपनी अनुभव में ऐसे कई उतार चढ़ाव को देखने वाली विकास की कलम लगातार जनता के बीच सच्चाई परोसती आई है।
अभी एक दिन पहले ही हमने अपनी संपादकीय के माध्यम से शहर की जनता को रूबरू कराया था कि शहर में डेंगू और मलेरिया को लेकर जमकर घपला बाजी की गई है । सूत्र बताते हैं कि इस पूरे गोरख धंधे में विभाग के निचले स्तर के चपरासी से लेकर आला अधिकारी तक अपनी जेब गर्म कर चुके हैं।
अब इस डेंगू के मच्छर का पार्ट 2
विकास की कलम जनता के बीच समर्पित कर रही है और वह उसे विश्वास दिलाती है कि लगातार इसके कई पार्ट तब तक आते रहेंगे जब तक की डेंगू के मच्छर की हकीकत जनता के बीच खुलकर नहीं आ जाती।
खैर आइए शुरू करते है पार्ट-2 की दास्तान..
तो...जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर से गंभीर मुद्दों को किन संजीदगी से पचा लिया जाता है। इस बात की वानगी यूं लगाई जा सकती है कि जिस डेंगू मलेरिया को लाखों रुपए खर्च करके स्वास्थ्य विभाग ने जबलपुर से खदेड़ के भाग देने का दावा किया था। वही डेंगू संस्कारधानी के बीचों-बीच बने कछियाना क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से अपना प्रकोप बरसा रहा है।
यहां पर लगातार डेंगू के संक्रमण से लोग संक्रमित होते जा रहे हैं लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इसी क्षेत्र में आने वाले जिला अस्पताल और जिला मलेरिया कार्यालय को इस बात की जरा सी भी भनक नहीं लगी।
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आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों है.. कछियाना
अब आप सोच रहे होंगे कि कछियाना इलाके में डेंगू के प्रकोप को लेकर विकास की कलम इतनी चिंतित क्यों है तो हम अपने पाठकों को बता देना चाहते हैं कि कछियाना इलाका जिस जगह पर डेंगू का प्रकोप पैर फैला रहा है। वह इलाका प्रिंटिंग प्रेस से घेरा हुआ है जहां रोजाना शहर और दूरदराज के इलाकों से लोग स्टेशनरी और प्रिंटिंग का काम लेकर इस क्षेत्र में आते हैं। वही जब यहां के लोग संक्रमित हैं तो इससे बड़ी संख्या में अन्य लोगों के संक्रमित होने का भी खतरा बढ़ जाता है। इसी कछियाना क्षेत्र से फुहारा और गंजीपुरा जैसे बड़े और बहुचर्चित क्षेत्र भी जुड़े हुए हैं ।जहां गंजीपुरा इलाका सुबह से शाम तक शहर भर की महिलाओं की भीड़ से सराबोर रहता है ।क्योंकि त्यौहार सर पर है लिहाजा इन क्षेत्रों में भीड़ कुछ ज्यादा होती है और ऐसे में डेंगू का संक्रमण पूरे जबलपुर को अपनी चपेट में ले सकता है।
डेंगू की कहानी जनता की जुबानी जानिए क्या बोली क्षेत्र की जनता
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चोर चोर मौसेरे भाई, डेंगू को लेकर दो विभाग आमने सामने
पूरा मोहल्ला चीख़ चीख़ कर डेंगू के प्रकोप की दास्तान बयान कर रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब भी मानने को तैयार ही नहीं है कि डेंगू फैला है।
आखिर उसके निपटान के लिए लाखों की होली कागजों पर खेलने वाला विभाग इतनी आसानी से अपनी नाकामी को कैसे स्वीकार कर लेता। लिहाजा उसने बड़ी ही चालाकी से मामले को निगम की ओर उछाल फेंका।
चूंकि विभागीय नुमाइंदे आंखों का काजल चुराने और धोखधड़ी में पीएचडी करे बैठे है।लिहाजा उन्होंने अपने रटे रटाये जुमलों से न केवल एक दूसरे पर कीचड़ उछालना शुरू किया बल्कि खुद की करतूतों को छुपाने के भी पूरा प्रयास किया।
मौत के मातम को मुंह चिढ़ाते स्वास्थ्य कर्मी
विकास की कलम ने अपने संपादकीय के माध्यम से एक दिन पहले ही डेंगू के मच्छर को लेकर हुई विभागीय लापरवाही का एक लेख प्रसारित किया था लेख के प्रसारण के महत्व 24 घंटे के भीतर शहर की जागरूक जनता ने लेख से जुड़े हुए तथ्य और डेंगू के प्रकोप को लेकर जानकारियां विकास की कलम से साझा करना शुरू कर दिया। इधर जनता ने भी विकास की कलम की आवाज से आवाज मिलते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया नतीजतन बेशर्मी की चादर ओढ़े स्वास्थ्य विभाग ने आनन फानन में कछियाना क्षेत्र में न केवल अपनी टीम भेजता है बल्कि दवा का छिड़काव करते हुए एक वृहद सर्वे भी कराया है।
इधर इस बात से नाराज एक परिवार का गुस्सा इन स्वास्थ्य कर्मचारियों पर टूट पड़ा। क्योंकि 2 दिन पहले ही उनका 23 वर्षीय पुत्र डेंगू की चपेट में आकर सदा के लिए खमोश हो चुका था। परिजनों का कहना है कि अगर यही जागरूकता पहले दिखा दी होती तो उनका बेटा जीवित होता।
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CMHO का बयान सुनने क्लिक करें
हम कैसे मान लें डेंगू है..हमें मौत नहीं कागजी रिपोर्ट से मतलब है..CMHO
इधर इस गहमागहमी के बीच विकास की कलम के प्रतिनिधि ने शहर के क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर एवं जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर संजय मिश्रा से बात की। सारी जानकारी एवं तथ्य साझा करने के बावजूत भी वे अपने विभाग की भक्ति में इतने लीन थे कि उन्होंने मानने से ही इनकार कर दिया कि डेंगू है..
इसके बाद विकास की कलम ने उस अस्पताल के संचालक से भी डॉक्टर संजय मिश्रा की बात कराई जिस अस्पताल में डेंगू से मौत हुई। अस्पताल वालों की पुष्टि के बाद भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डेंगू होने की बात से किनारा करते रहे।
आप नकारते रहो.. इधर सीएम हेल्पलाइन भी लग गई
कछियाना क्षेत्र में डेंगू का कहर कुछ इस तरीके से अपने तेवर दिखा रहा है कि यहां के रहवासी काफी दहशत में है। क्षेत्र वासियों की माने तो घर का एक न एक सदस्य बुखार और डेंगू के लक्षणों से पीड़ित है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही।
लिहाजा क्षेत्र की जनता ने अपनी पीड़ा को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान तक सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से पहुंचाई है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि क्षेत्र में डेंगू के निवारण के लिए स्वास्थ्य विभाग और निगम प्रशासन द्वारा कोई भी कृत्य नहीं किया गया और उनकी लापरवाही के चलते क्षेत्र में डेंगू से एक मौत भी हो चुकी है।
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फर्जी कागजों का इतिहास रखने वाले कर रहे कागजों की बात
तो साहब बिना कागज के डेंगू को नहीं मानने वाले लेकिन कागजों का क्या..
जबलपुर जिले में कागजों की राग अलापने वाला स्वास्थ्य विभाग पहले भी मौत के अस्पतालों को फर्जी कागज देकर खुलेआम लूट करने का लायसेंस दे चुका है।
पहले के सीएमएचओ तो आज भी इसी पाप की भरपाई कर रहे है।
लेकिन
हम अपने पाठकों को विश्वास दिलाते है कि अगले कुछ पार्ट में हम इतने कागज थमा देंगे कि कइयों की कुर्सियां हिल जाएंगी...