ओला या आग का गोला..
चलता फिरता टाइम बम साबित हो रही इलेक्ट्रिक बाइक
जबलपुर।
किफायती एवं सुरक्षित होने का दावा करने वाली इलेक्ट्रिक बाईक अब केवल खतरे की घंटी के रूप में देखि जा रही है....
शुरुआती दौर में भारी भरकम प्रचार के साथ भारत के बज़ार में उत्तरी यह गाडी अपने बेहतरीन लुक के चलते सभी की पसंद बनने लगी.... लेकिन बाद में धीरे धीरे इसके साइड इफ़ेक्ट लोगों को नज़र आने लगे..
ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले से है। जहाँ बीच सडक में चलते चलते ही ओला बाईक आग के गुबार छोड़ने लगी। जिसे देखकर एक पल के लिए राहगीरों की सांसे भी अटक गई।
बताया जा रहा है की जबलपुर के तिलवारा घाट क्षेत्र निवासी अब्दुल रहमान जब अपनी ओला बाईक से भेड़ा घाट बाईपास अंधमूक चौराहे के पास से गुजरे तो उन्हें अपनी बाईक के बहुत ज्यादा गर्म होने का अहसास हुआ। और इससे पहले की वे कुछ समझ पाते ओला बाइक में आग लग गई।
आग लगती देख उन्होंने उसे बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वह पूरी तरह खाक हो चुकी थी।
वो तो गनीमत रही की अब्दुल रहमान तत्काल ही ओला बाइक छोड़कर सड़क के दूसरी तरफ भाग गए वरना उनके साथ भी दुर्घटना हो सकती थी।
महज चार माह में ही ओला ने दिखात दिया कमाल
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए गाड़ी के मालिक अब्दुल रहमान बताते हैं कि मैं चार माह पहले ही उन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ ओला स्कूटर खरीदी थी और सोचा था कि उनके पेट्रोल के पैसों की बचत हो जाएगी। पेट्रोल के पैसे बचाने के चक्कर में उन्होंने जो ओला स्कूटर खरीदी थी उसकी कीमत 1 लाख 76 हजार रुपए है।
कई बार की गई शिकायत लेकिन कंपनी को नहीं कोई मतलब
स्कूटर के मालिक अब्दुल बताते हैं कि विचार माह से ओला स्कूटर चला रहे हैं और लगातार उन्हें गाड़ी के गर्म होने की समस्या का सामना करने पड़ा उन्होंने इस समस्या को लेकर कई बार कंपनी में भी शिकायत की लेकिन हर बार उन्हें यही जवाब मिला कि यह एक आम बात है किसी बड़े हादसे से अनजान अब्दुल यही सोचते रहे कि शायद यह बैटरी वाली इलेक्ट्रिकल बाइक का अचानक गर्म होना कोई आम बात है लेकिन जब ओला इलेक्ट्रिक बाइक में आंख के गोली उगलना शुरू कर दिया तो अब्दुल काफी घबरा गए। अब्दुल द्वारा इस दुर्घटना की सूचना भी कंपनी को दी गई लेकिन अभी तक कंपनी से कोई भी अधिकारी या इंजीनियर अब्दुल से संपर्क करने नहीं आया
देखिये जलती ओला का विडिओ
जानिए क्या है ओला बाइक
ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ( OLΛ ELECTRIC के रूप में शैलीबद्ध ) एक भारतीय इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता है, जो बेंगलुरु , कर्नाटक , भारत में स्थित है । यह भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माता है, जिसका मूल्य सितंबर 2023 तक लगभग 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसकी एक विनिर्माण सुविधा कृष्णागिरी , तमिलनाडु में स्थित है, जो भारत की सबसे बड़ी दोपहिया ईवी विनिर्माण फैक्ट्री है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना 2017 में ओला कैब्स की मूल इकाई एएनआई टेक्नोलॉजीज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में की गई थी । कंपनी की शुरुआत ओला की कैब की उत्सर्जन और ईंधन निर्भरता को कम करने और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक गतिशीलता में बदलाव के लिए की गई थी; मई 2017 में नागपुर में शहर भर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करके और OEM भागीदारों से इलेक्ट्रिक कैब , ई-बसें और ई-रिक्शा खरीदकर एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया गया था । अप्रैल 2018 में, उसने घोषणा की कि उसका लक्ष्य 2022 तक अपनी कैब सेवा में 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहन रखने का है।
दिसंबर 2018 और जनवरी 2019 के बीच, संस्थापक भाविश अग्रवाल ने ANI Technologies से ₹ 1 लाख (US$1,300) के मूल्यांकन पर ओला इलेक्ट्रिक में 92.5% हिस्सेदारी खरीदी , और ओला इलेक्ट्रिक को एक अलग इकाई के रूप में अलग कर दिया गया। "ओला" ब्रांड नाम के उपयोग की अनुमति देने के लिए एएनआई टेक्नोलॉजीज ने ओला इलेक्ट्रिक में 7.5% हिस्सेदारी बरकरार रखी ।
फरवरी 2019 में, ओला इलेक्ट्रिक ने टाइगर ग्लोबल और मैट्रिक्स इंडिया से 56 मिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाए । कंपनी ने 6 मई 2019 को घोषणा की कि रतन टाटा ने सीरीज ए राउंड की फंडिंग के हिस्से के रूप में ओला इलेक्ट्रिक में एक अज्ञात राशि का निवेश किया है। इसने जुलाई 2019 में सीरीज बी राउंड फंडिंग के दौरान 1 बिलियन डॉलर से अधिक के मूल्यांकन पर सॉफ्टबैंक से 250 मिलियन डॉलर जुटाए।