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उम्मीद के दीपक से उजागर हुई.. स्कूल माफियाओं की काली करतूत..

उम्मीद के दीपक से उजागर हुई..
स्कूल माफियाओं की काली करतूत..

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विकास की कलम/जबलपुर 


जबलपुर शहर के हर अभिभावको के लिए आज बेहद खुशी का दिन है.. क्योंकि लंबे अरसे से जो उम्मीद वे अपने शहर के मुखिया से लगाए बैठे थे...आज जाकर वह पूरी हो गई।
और वो जो सीना ठोंक के डांका डाला करते थे। आज बेनकाब हो चले है। 
आज न तो सिफारिश चली और न ही वजनदारी...चली तो सिर्फ मुखिया जी की ईमानदारी...



हरसाल अभिभावको (Parents) को उनके बच्चों का बेहतर भविष्य दिलाने के नाम पर लगातार लूट का कारोबार जारी है।लेकिन भावनात्मक छुरी से भयावह लूट करने वाले स्कूल माफियाओ को आज तक कोई अधिकारी छू भी नहीं पाया था। यही कारण था की हर साल अपना दुखड़ा रोने वाले अभिभावक (Parents ) सब कुछ जानते हुए भी अपनी जेबों में डांका डलवा लिया करते थे। ऐसा नहीं है की अभिभावको ने कभी इसकी शिकायत दर्ज न कराई हो।बल्कि अधिकारियों के दफ्तर ऐसी हजारों शिकायतों की पोटरी से लबरेज पड़े है। सिस्टम के इस सेटिंग नुमा खेल में कोई भी अपनी कलम फसाने तैयार नहीं था। लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है की सिस्टम को कोसने वाले अब इस सिस्टम के रखवाले की बढ़ाई करते नहीं थक रहे है।

ऐसा हुआ एक्शन की... सबकी बोलती बंद

जबलपुर जिले में लंबे समय से शिक्षा की आड़ में करोड़ों के वारे न्यारे करने वाले शिक्षा माफियाओ के खिलाफ इस बार एक बड़ी कार्यवाही की गई है। नियम विरूध्द तरीके से फीस बढ़ाने और अभिभावकों को एक ही दुकान से कापी किताब और यूनिफार्म खरीदने मजबूर करने वाले स्कूल प्रबंधन पर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर सघन कार्यवाही के बाद भी जब स्कूल वाले की कार्यप्रणाली पर सुधार नहीं आया तो आज कलेक्टर ने ऐसी चिन्हित स्कूलों ( School )के संचालकों एवं प्राचार्यों के बुलाकर सीधे उनके ऊपर मामला दर्ज करने की कार्यवाही की। कलेक्टर (Collector) ने ऐसे बीस स्कूल संचालकों एवं प्राचार्यों के ऊपर एफआईआर (FIR )करने के निर्देश दिये जिनने बिना अनुमति और नियम विरूध्द तरीके से मनमानी फीस वसूलकर अभिभावकों की जेब काटी ।

पत्रकारवार्ता का सोशल मीडिया में सीधा प्रसारण

चूंकि मामला शहर के हर गली और घर से जुड़ा हुआ था। लिहाजा इसे फेसबुक और यूट्यूब से सीधे प्रसारित (Live Telecast ) किया गया। जिसका एकमात्र उद्देश्य यह भी था कि लंबे समय से जो मध्यम वर्गीय परिवार कलेक्टर साहब के फैसले का इंतजार कर रहा था। वह भी अपने मोबाइल के माध्यम से इन लुटेरों का हस्र लाइव देख सके। कलेक्टर कार्यालय में आयोजित पत्रकारवार्ता में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पत्रकारों को जानकारी देते हुये बताया एक दर्जन के लगभग स्कूल संचालकों और प्राचार्यो एवं बुक्स सेलरों के संचालकों के ऊपर एफआईआर दर्ज कर ,उन्हें आज थाने बुलाया गया है। कलेक्टर का कहना था कि स्कूल संचालकों को कहा गया था कि स्कूल वालों को सिर्फ दस प्रतिशत 10% फीस बढ़ाने के निर्देश थे लेकिन अधिकांश निजी स्कूल वालों से बीस से तीस फीसदी 30% फीस अभिभावकों से वसूल ली, इतना ही नहीं चिन्हिंत दुकान से ही कापी किताब और यूनिफार्म लेने अभिभावकों को मजबूर किया गया। स्कूल वालों की बढ़ती लूट की शिकायतों के बाद ही निजी स्कूल वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाना पड़ा।


पालने में ही दिखने लगे थे..पूत के पांव...

जैसे ही अभिभावकों को इस बात की भनक लगी की बड़े आश्चर्य जनक तरीके से दोषी स्कूल माफियाओ और उनके सरगनाओ पर एफआइआर दर्ज कर दी गई है। वैसे ही एक पीड़ित अभिभावक ने कहा कि वह पिछले 4 सालों से इन स्कूल संचालकों की मनमानियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते आ रहे हैं। और हर बार दिखावे की कार्यवाही करते हुए जांच किए जाने का आश्वासन पकड़ा दिया जाता था । लेकिन इस बार जैसे ही स्कूल माफियाओं का मुद्दा उछला शहर के मुखिया ने तत्काल ही जनता दरबार में इन माफियाओं की पेशी लेना शुरू कर दिया। इसके बाद से ही अभिभावकों को विश्वास हो चला था की अगर इसी तरह की सख्ती लगातार बरकरार रही ।तो वह दिन दूर नहीं जब स्कूल माफियाओं की कमर टूट कर रह जाएगी।

उम्मीद के दीपक से उजागर हुई..
स्कूल माफियाओं की काली करतूत..


अपने स्पॉट डिसीजन के लिए पहचाने जाने वाले कलेक्टर दीपक सक्सेना Deepak saxena लगातार अभिभावकों को होने वाली परेशानियों को न केवल सुन रहे थे बल्कि इस जटिल समस्या पर विशेष एक्शन लेने की तैयारी भी कर रहे थे। शुरुआती तौर पर उन्होंने बेहद सरल और सहज तरीके से समझाइए का डंडा चलाते हुए स्कूल माफियाओं और स्टेस्नर्स को चेतावनी दी थी। हर बार की तरह इस बार भी इस सिंडिकेट ने यही सोचा था कि कलेक्टर साहब अपनी व्यस्त दिनचर्या में इतने मशरूफ हो जाएंगे की इस ओर ध्यान ही नहीं दे पाएंगे। अपने बीते कुछ वर्षों के तजुर्बे का इस्तेमाल करते हुए इन स्कूल माफियाओं ने कलेक्टर की चेतावनी को काफी हल्के में ले लिया। लेकिन इसके विपरीत शहर के पीड़ित अभिभावकों को कलेक्टर साहब के एक्शन में एक उम्मीद का दीपक नजर आ रहा था ।यही कारण था कि उन्हें विश्वास हो चला था की.... इसी उम्मीद के दीपक के उजियारे से स्कूल माफियाओं की काली करतूत जरूर उजागर होगी।

इन स्कूल संचालकों- प्राचार्यों के खिलाफ की गई कार्रवाई 

क्रांइस्टचर्च स्कूल- चेयरमेन-आरटी रेव्ह. अजय कुमार जेम्स क्राइस्टचर्च स्कूल को एड, सालीवाड़ा- मैनेजर - दी रेव्ह. एस निलेश सिंह, क्राइस्टचर्च स्कूल को एड, सालीवाड़ा- प्रिंसिपल मिस्टर जोसेफ क्राईस्टचर्च ब्वॉज एंड गर्ल्स स्कूल - आईसीएससी- प्राचार्य - श्री थाजी थॉमस स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल प्राचार्य - मनमीत कोहली क्राईस्टचर्च ब्वॉज एंड गर्ल्स स्कूल - आईसीएससी-मैनेजर- श्रीमती एमएल साठे श्री चैतन्य टेक्ना स्कूल, धनवंतरीनगर- एडवाइजर- सीएस विश्वकर्मा सेंटर अलॉयसियस स्कूल, पोलीपाथर प्रिंसिपल, सेकेट्री - सोमा ग्रोवर ज्ञान गंगा आर्किड स्कूल, प्राचार्य - श्रीमती दिपाली तिवारी लिटिल वर्ल्ड स्कूल, सीईओ- श्रीमती चित्रांगी अय्यर लिटिल वर्ल्ड स्कूल, मैनेजर - सुबोध नेमा लिटिल वर्ल्ड स्कूल, प्राचार्य श्रीमती परिधि भार्गव क्राईस्टचर्च ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल - सदस्य - अतुल अनुपम इब्राहिम क्राईस्टचर्च ब्वॉज सीनियर सेकेंडरी स्कूल - सदस्य - श्रीमती एकता पीटर क्राईस्टचर्च जबलपुर डायसेशन स्कूल मैनेजर - ललित सोलोमन

इन स्टेशनर्स पर भी गिरी गाज

चिल्ड्रन बुक हाउस नौदरा पुल- प्रोपराइटर- सूर्यप्रकाश वर्मा चिल्ड्रन बुक हाउस नौदरा पुल- संचालक- शशांक श्रीवास्तव न्यू राधिका बुक पैलेस विजय नगर- प्रोपराइटर आलोक इंदुरख्या न्यू राधिका बुक पैलेस विजय नगर - प्रोपराइटर श्रीराम इंदुरख्या

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