सरकारी राशन दुकानों में हिसाब का हेर फेर,
100 करोड़ के घोटाले की हुई शिकायत
विकास की कलम/जबलपुर
सरकारी राशन की दुकान हमेशा से ही मिलावट खोरों और मौका परस्तों के लिए पसंदीदा निशाना रही है। क्योंकि यहां गरीब तबके की जनता के लिए राशन की व्यवस्था की जाती है और गरीब कभी आवाज नहीं उठाता । लिहाजा यहां पर किया गया कोई भी गोलमाल जल्दी से सामने नहीं आ पाता है। कभी राशन में मिलावट करके बेचना, तो कभी कम माल तौल करके मुनाफा कमाना ,अब आम बात हो चली है। वर्तमान में जिस तरह से टेक्नोलॉजी ने अपने पांव पसारे हैं। जालसाजो और मुनाफाखोरों ने इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए महज एक क्लिक में लाखों से करोड़ों रुपए के राशन का हेर फेर कर देने की जुगत भिड़ा ली है।डिजिटल तरह से किए गए इस हेर फेर में बेहद आसानी से करोड़ों का राशन यहां से वहां सरका दिया जाता है। कुछ इसी तरीके के कारनामे को उजागर करने वाली एक शिकायत जबलपुर कलेक्टर को सौंपी गई है।
राशन दुकानों से 100 करोड़ के राशन की हेर फेर...
जबलपुर जिले के खाद्य विभाग के कुछ अधिकारियों पर राशन दुकान संचालकों के साथ सांठ गांठ कर करोड़ों रुपए के राशन का हिसाब किताब हेर फेर किए जाने का आरोप लगाया गया है। दर्जन भर से अधिक शिकायतकर्ताओ ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर तकरीबन 100 करोड रुपए के महा घोटाले की विशेष जांच किए जाने की मांग कलेक्टर दीपक सक्सेना से की है।
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शिकायतकर्ताओं ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि खाद्य विभाग कार्यालय में पदस्थ सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, सहायक खाद्य अधिकारी अनीता सोरते, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संजीव अग्रवाल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वसुन्धरा पेन्ड्रो, कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी सीमा बरोसिया पी.डी.एस. राशन दुकान नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों से अधिकारियों के द्वारा सांठ गांठ द्वारा मिलीभगत कर अपनी अपनी पासवर्ड आई.डी. के माध्यम से स्टाक को घटाया गया है। गेहूं, एवं चावल, केरोसीन, शक्कर, मूँगदाल, चना, दाल का स्टाक कई हजारों विक्वंटल का प्रत्येक दुकानों से हेर फेर किया गया है। लगभग 100 करोड से भी ज्यादा महा घोटाला किया गया है। शिकायतकर्ताओं की ओर से मूलचंद सोनकर और राजू राजू सेन ने बताया है कि 1000/- रू. एक हजार प्रति क्विंटल दर से गेहूं, चावल, शक्कर, मूंगदाल चना दाल, केरोसीन अधिकारियों के द्वारा अपने अपने क्षेत्र की दुकान से जमाकर हेर फेर किया गया है। जबकि शासन विभाग के राशन डीलर को (थम्ब) अंगूठा लगाने वाली मशीन उपलब्ध कराई गई है। इसके बावजूद ये सभी क्षेत्रीय अधिकारीयों द्वारा अपने अपने पद का गलत दुरूपयोग कर शासन विभाग को नियम कानून को ताक पर रखते हुए इस महा घोटाले को अंजाम दिया गया है।
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शिकायतकर्ताओं ने मीडिया को बताई सारी कहानी...
शिकायतकर्ताओं ने मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि खाद्य विभाग कार्यालय में पदस्थ सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे, सहायक खाद्य अधिकारी अनीता सोरते, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी संजीव अग्रवाल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी वसुन्धरा पेन्ड्रो, कनिष्ट आपूर्ति अधिकारी सीमा बरोसिया पी.डी.एस. राशन दुकान नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की दुकानों से अधिकारियों के द्वारा सांठ गांठ द्वारा मिलीभगत कर अपनी अपनी पासवर्ड आई.डी. के माध्यम से स्टाक को घटाया गया है। गेहूं, एवं चावल, केरोसीन, शक्कर, मूँगदाल, चना, दाल का स्टाक कई हजारों विक्वंटल का प्रत्येक दुकानों से हेर फेर किया गया है। लगभग 100 करोड से भी ज्यादा महा घोटाला किया गया है। शिकायतकर्ताओं की ओर से मूलचंद सोनकर और राजू राजू सेन ने बताया है कि 1000/- रू. एक हजार प्रति क्विंटल दर से गेहूं, चावल, शक्कर, मूंगदाल चना दाल, केरोसीन अधिकारियों के द्वारा अपने अपने क्षेत्र की दुकान से जमाकर हेर फेर किया गया है। जबकि शासन विभाग के राशन डीलर को (थम्ब) अंगूठा लगाने वाली मशीन उपलब्ध कराई गई है। इसके बावजूद ये सभी क्षेत्रीय अधिकारीयों द्वारा अपने अपने पद का गलत दुरूपयोग कर शासन विभाग को नियम कानून को ताक पर रखते हुए इस महा घोटाले को अंजाम दिया गया है।
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निष्पक्ष जांच हो ताकि.. बेनकाब हो सके घोटालेबाज...
शिकायतकर्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से जिला कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना से अपील की है कि वे इस महा घोटाले को लेकर पूरी निष्पक्षता के साथ विशेष दल गठित करते हुए जांच कराएं। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य विभाग के कई बड़े अधिकारियों के इशारे पर यह पूरा गोरख धंधा चलाया जा रहा है और यह अधिकारी समय-समय पर जांच को प्रभावित करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल भी करते हैं।
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