एसपी की पाठशाला में बच्चे सीख रहे..
साइबर फ्रॉड से निपटने के गुण...
इन दिनों जिस तरीके से सोशल मीडिया हमारे जीवन पर हावी होती जा रही है। इस सुनहरे अवसर को भंजाते हुए बहुत से जालसाज अब सोशल मीडिया का सहारा लेकर साइबर फ्रॉड के जरिए आम जनता को ठगने का कुचक्र चला रहे हैं। हम जागरूक तो हो गए हैं लेकिन टेक्नोलॉजी को पूर्ण रूप से समझ नहीं पाए हैं और हमारी इसी नादानी का फायदा साइबर जालसाज उठाते हैं। टेक्नोलॉजी के तूफान ने हर किसी के हाथ में मोबाइल लैपटॉप थमा दिया है । हालांकि यह आपके काम को बेहद कम समय में बड़ी आसानी के साथ संपन्न कर देता है लेकिन पूर्ण जानकारी न होने और लापरवाही बरतने के चलते यह टेक्नोलॉजी आपके गले की फांसी भी बन सकती है। हालांकि इस बात की जागरूकता को लेकर शुरुआत से ही कई कदम उठाए जा रहे हैं। लेकिन आमजन का इस ओर ध्यान ना देना ही साइबर जलसाजो के लिए सबसे बड़ी ताकत बना हुआ है। यही कारण है कि आए दिन हम जालसाजों द्वारा ऑनलाइन ठगे जाने वाले किस्सों से रूबरू होते रहते है।
जबलपुर एसपी संपत उपाध्याय ने दिए स्कूल कॉलेज में साइबर जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्देश
साइबर फ्रॉड को लेकर बीते कुछ सालों से मिले आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो यह जानकारी प्राप्त होती है कि साइबर फ्रॉड के सबसे ज्यादा शिकार नई उम्र के बच्चे हो रहे हैं। जो हाथों में मोबाइल लेकर घंटे ऑनलाइन सर्फिंग और नेटवर्किंग की दुनिया की सैर करते हैं लेकिन जागरूकता ना होने के कारण यह साइबर जलसाजो का शिकार बन जाते हैं। इस बात को ध्यान रखते हुए जबलपुर एसपी सम्पत उपाध्याय द्वारा सायबर अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु जिले के समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों एवं जिला सायबर सेल को संयुक्त रूप से जागरूकता अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया गया है। आदेश के परिपालन में समस्त राजपत्रित अधिकारियों, थाना प्रभारियों के द्वारा सायबर सेल टीम के साथ स्कूल/कालेजों/संस्थानों में सायबर जागरूकता सेमिनार के कार्यक्रम आयेजित किये जा रहे हैं।खबरों में आगे पढ़े सरकारी राशन दुकान में 100 करोड़ के महा घोटाले की शिकायत
एसपी संपत उपाध्याय की साइबर पाठशाला का सिलेबस
नगर पुलिस अधीक्षक रांझी विवेक कुमार गौतम एवं नगर पुलिस अधीक्षक गढा देवेन्द्र प्रताप सिंह चौहान, थाना प्रभारी विजय नगर श्री वीरेन्द्र सिह पवार, उप निरीक्षक कमलेश मेश्राम, तथा सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक नीरज सिंह नेगी द्वारा बालिकाओं/महिलाओं के विरुद्ध घटित होने वाले विभिन्न प्रकार के सायबर अपराधों के बारे जागरूक करते हुये फोन कॉल्स, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले सायबर अपराध, आपत्तिजनक टिप्पणी, फोटो वीडियो भेजने, धमकी देने, परेशान करने पर बिना डरे परिजन, शिक्षक एवं नजदीकी थाने पर संपर्क करने के संबंध में जागरूक किया गया।साथ ही छात्र/छात्राओं को सायबर फ्रॉड के विषय में जानकारी प्रदान करते हुये बताया गया कि सायबर अपराधी किस प्रकार रिश्तेदार बनकर, आर्मी/पुलिस ऑफिसर बनकर, यू ट्यूब वाले, बैंक अधिकारी बनकर लोगों से फ्रॉड करते है ।
इसके साथ ही सोशल मीडिया का उपयोग करते समय रखी जाने वाली सावधानियों, अनजान लिंक, रिमोट ऐप से फ्रॉड, व्हाट्स ऐप हैक के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान करते हुये यूपीआई एवं नेट बैंकिंग के उपयोग में रखी जाने वाली सावधानियां के बारे में समझाया गया।
साथ ही बताया गया कि किसी भी अनजान व्यक्ति को फ्रेंडलिस्ट में एड करने से आपके पर्सनल जानकारी सायबर अपराधियों के पास जा सकती है जिससे आपकी क्लोन प्रोफाइल बनाकर आपके दोस्तों या रिश्तेदारों से धोखाधड़ी की जा सकती है।
साथ ही बताया गया कि आपके मोबाइल पर आए ओटीपी या एटीएम पिन को किसी के साथ शेयर न करें, फर्जी जाब के आफर्स से भी सावधान रहें, अपनी व्यक्तिगत जानकारी आनलाइन साझा करते समय सावधानी बरतें, किसी भी झांसा या प्रलोभन देने वाले हाईपर लिक/ वेबलिक्स/ यूआरएल को न खोलें, क्योंकि ये आपकी निजी व वित्तिय जानकारियों को लीक कर सकते है, झूठे प्रलोभन से बचें, यदि साइबर क्राइम के शिकार होते हैं तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्प लाईन नंबर 1930 पर काल करें। साथ ही साइबर धोखाधड़ी के मामलों में अपनी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करवा सकते हैं।
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