राहगीरों को मौसम की मार से बचाने और बेसहारा लोगों को आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा रेन बसेरा नामक एक योजना चलाई जा रही है। रेन बसेरा एक ऐसी सरकारी स्कीम है, जो शहर में आर्थिक कमजोर या कहीं से यात्रा कर के आए बेघर लोगों को हर मौसम में रहने की सुविधा देती है। लेकिन सरकार द्वारा संचालित यह योजना भी भ्रष्टाचार के दीमक की भेंट चढ़ चुकी है। ठेका प्रथा के चलते रसूखदारों और बाहुबलियों के द्वारा इन रेन बसेराओं का ठेका ले लिया जाता है और फिर गरीबों के हक पर डाका डालते हुए रैन बसेराओं का अर्थ ही बदल दिया जाता है। इनकी मनमानी ऐसी चरम सीमा पर पहुंच जाती है कि हकीकत में गरीब राहगीर सड़कों के किनारे मौसम की मार झेलता नजर आता है। और ठेका संचालक रेन बसेरा की आड़ में लाखों के बारे न्यारे कर डालते हैं। जबलपुर जिले की एक प्रतिष्ठित रेन बसेरा में जब अधिकारियों ने औचक निरीक्षण किया तो अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गए दरअसल रैन बसेरा के मुख्य द्वार पर मटन पकाया जा रहा था और वही कुछ कर्मचारी शराब के नशे में धुत थे। अचानक धर्मशाला में धमके अधिकारियों ने जैसे ही दारू मटन पार्टी देखी वैसे ही आग बबूला हो उठे। इधर अधिकारियों को देखते ही कुछ नहीं तो दौड़ लगा दी और वहीं कुछ सरेआम झूठ बोलते हुए नजर आए।
गोकुलदास धर्मशाला (रेन बसेरा) में चल रही थी दारू मटन पार्टी
जबलपुर के इंदिरा मार्केट में स्थित शहर की प्रतिष्ठित सेठ गोकुलदास धर्मशाला वर्षों से रेन बसेरा में तब्दील है। स्टेशन के बेहद नजदीक होने के कारण जरूरतमंद राहगीरों और बेसहाराओं की पहली पसंद बना यह रेन बसेरा लंबे समय से विवादों से घिरा रहा है। सूत्र बताते हैं कि यहां संचालक द्वारा जमकर मनमानी की जाती है। जहां चिन्हित लोगों को ही रात गुजारने की सुविधा मिलती है वही जरूरतमंद को संचालक की ऊल जलूल शर्तों को मानने के बाद ही यहां आसरा मिलता है। कलेक्टर के निर्देश पर जब अचानक एक जांच दल गोकुलदास धर्मशाला ट्रेन बसेरा का औचक निरीक्षण करने पहुंचा तो जांच दल भी हक्का-बक्का रह गया। दरअसल रेन बसेरा के मुख्य दरवाजे पर ही मटन पकाया जा रहा था। और बाकायदा गार्ड और अधिकारी ग्रुप बनाकर पार्टी की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान जांच दल ने पाया कि कुछ लोग शराब के नशे में भी चूर थे। जांच दल के सामने ही रेन बसेरा के कुछ कर्मचारी सरेआम सीना जोरी करते हुए नजर आए और उन्होंने अधिकारियों को ही गलत ठहरना शुरू कर दिया।रेन बसेरा ठेका एजेंसी को मिला कारण बताओं नोटिस
रेन बसेरा परिसर में मटन पार्टी को लेकर नाराज जांच दल ने विधिवत कार्यवाही उच्च अधिकारियों के माध्यम से शुरू करवा दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के संज्ञान में आने के बाद अपर आयुक्त अंकिता जैन द्वारा गोकुल दास धर्मशाला रेन बसेरा का संचालन करने वाली ठेका एजेंसी को कारण बताओं नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। वहीं विभागीय जांच भी शुरू कर दी है। मामले की जांच को लेकर अप्रयुक्त अंकिता जैन ने बताया कि ठेका संचालक द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए सरकारी रेन बसेरा में अनुचित गतिविधियों को अंजाम दिया गया है। जिसकी विधिवत जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर ठेका संचालक की सेवा समाप्ति जैसे ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में सीएम मोहन यादव ने दिए थे निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा एक माह पूर्व ही गरीबों को सौगात देते हुए रेन बसेराओं के कायाकल्प और जरूरत पड़ने पर नए रैन बसेरा बनाए जाने की घोषणा की थी। इसी तारतम में कलेक्टर कमिश्नर बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा सभी जिले के कलेक्टरों को रेन बसेराओं का निरीक्षण करने और गरीब जरूरत मंद को मिलने वाली सुविधाओं को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही कलेक्टर द्वारा शहर के रेन बसेराओं का निरीक्षण कराया जा रहा है। ताकि रेन बसेरा में मिलने वाली सुविधाओं की तत्कालीन स्थिति का पता लगाया जा सके और समय रहते हैं उनमें सुधार कर जरूरत मंदों को मिलने वाली सुविधा सुनिश्चित की जा सके।रैन बसेरा में ये बुनियादी सुविधाएं मिलती हैं।
सोने के लिए जगह:
शेल्टर में लोगों को सोने के लिए जगह दी जाती है। इसमें चटाई, कंबल, गद्दे और तकिया जैसी चीजें भी शामिल हो सकती हैं।
खाना और पानी:
शेल्टर में रहने वाले लोगों को मुफ्त में खाना और पानी दिया जाता है।
शौचालय और बाथरूम:
शेल्टर में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाता है। इसलिए, वहां स्वच्छ शौचालय के साथ साथ बाथरूम की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
प्राथमिक चिकित्सा:
शेल्टर में प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध होती है।
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