Vikas ki kalam

फर्जी वाहन फाइनेंस गिरोह का पर्दा फाश.






एसटीएफ जबलपुर की बड़ी कार्रवाई
फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाले संगठित गिरोह का भांडाफोड़
लगभग 25 लाख रुपए कीमत के 21 दो पहिया वाहन जप्त,
गिरोह के सरगना समेत तीन व्यक्ति गिरफ़्तार


विकास की कलम/जबलपुर 

अगर आप भी अपने लिए गाड़ी फाइनेंस करवाने की जुगत बढ़ा रहे हैं और लगातार दलालों के चक्कर काट कर उन्हें दस्तावेज की कॉपियां दे रहे हैं तो आप सावधान हो जाइए हो सकता है आपके नाम से पहले ही कोई गाड़ी फाइनेंस करवा ली गई हो और आपको इसकी भनक भी ना हो। अगर आप सोच रहे हैं कि ऐसा होना नामुमकिन है तो आप गलत है क्योंकि जबलपुर एसटीएफ टीम द्वारा एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। जिसके पास आप से दस्तावेज लेकर आपके ही नाम पर वहां फाइनेंस करवा लेने की महारत हासिल है।

यह है पूरा मामला

जबलपुर एसटीएफ इकाई द्वारा फर्जी दस्तोवज के गाडी फाइनेंस कराने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसटीएफ इकाई जबलपुर को एक सूचना प्राप्त हुई कि एक गिरोह द्वारा सीधे साधे लोगों के दस्तावेजों से फर्जी दस्तावेज तैयार कर वाहनों को फाइनेंस करवाया जा रहा है। इन वाहनों को ग्रामीण इलाकों जैसे सिवनी व अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है। सूचना के तारतम्य में पीडिता रांझी निवासी गीता कुशवाहा के बयान दर्ज किए गए। गीता कुशवाहा ने बताया कि प्रशांत एवं उसके एक परिचित ने लोन दिलाने की बात कहकर उसके दस्तावेज लिए और उनके जरिए वाहन फाइनेंस करा लिए। इसके बाद उसने दस्तावेज वापस कर दिए। गीता द्वारा स्वयं के उपयोग हेतु मोबाईल फाइनेंस के लिये दुकान पहुचनें पर पता चला कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग किया गया है। उक्त संगठित अपराध की सूचना को एसटीएफ टीम द्वारा गोपनीय रूप से तस्दीक उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध फर्जीवाड़ा की पुष्टी पर मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।


फ्रॉड में महारत रखती है ये...धोखेबाजों की तिकड़ी 

आरोपी प्रशांत कुशवाहा के बयान दर्ज किए गए, जिसमें पता चला कि उसके साथ गिरोह में इन्द्रजीत, विवेक सिंह राजपूत, प्रवीण सोनी समेत अन्य महिलाएं शामिल है। प्रशांत, विवेक सिंह एवं इन्द्रजीत लोगों को लोन दिलाने का झांसा देकर दस्तावेज लेते और फिर उनके जरिए वाहन फाइनेंस करवा लेते थे। आरोपी छद्म लोगों का उपयोग शोरूम से वाहन उठवाने में करते थे। शहर के लगभग सभी शोरूमों से इनके द्वारा वाहन फाइनेंस कराये गये है। दौरान विवेचना पता चला कि आरोपी प्रशांत कुशवाहा उत्तर प्रदेश में है। मुखबिर से सूचना मिली कि वह ट्रेन से जबलपुर आ रहा है। सूचना पर जबलपुर स्टेशन पर राहुल रघुवंशी व टीम द्वारा उसे दबोच लिया गया। प्रशांत को ट्रेस करने में राहुल रघुवंशी की सराहनीय भूमिका रही। विवेचना में एसटीएफ द्वारा 21 दो पहिया वाहन एवं बडी संख्या में धोखाधडी कर तैयार किये गये दस्तावेजों को जप्त किया गया है।

अन्य आदमी देता था डाउन पेमेन्ट

विवेचना दौरान पता चला कि धनौरा मे ज्वेलर्स शॉप संचालित करने वाला प्रवीण सोनी फर्जी दस्तावजों से वाहन खरीदने के लिए डाउन पेमेन्ट करता था। इसके साथ ही उसके द्वारा प्रवीण और इन्द्रजीत को भी रुपए दिए जाते थे। वाहन फाइनेंस होने के बाद प्रशांत और इन्द्रजीत वाहन प्रवीण को दे देते, जिसे प्रवीण महंगे दामों में ग्रामीण इलाकों में बेच देता था और वाहन मालिक को इस संबंध में कोई जानकारी नही होती थी।

एजेंट भी संदेह के दायरे में

आरोपियों ने कोटक महिन्द्रा, आईसीआईसीआई और बजाज फाइनेंस समेत कई कम्पनियों के एजेंट्स के साथ मिलकर यह फर्जीवाड़ा किया। टीम द्वारा उक्त एजेंटों का भी पता लगाया जा रहा है, वहीं वाहन फाइनेंस के वक्त छद्म बनकर पहुंचने वालों की भी तलाश की जा रही है।

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